नई दिल्ली:
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को सदन को बताया कि पिछले दस सालों में देश में स्कूल-कॉलेजों की संख्या बढ़ी है. बच्चों में कई अच्छी आदतों में इजाफा होने के साथ विभिन्न क्लासों के पाठ्यक्रम, प्रवेश परीक्षा में बदलाव हुए हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2013-14 में बच्चों में हैंड वाश की आदतों में बढ़ोतरी हुई है. साल 2013-14 में यह 43.5% था जो अब 95% हो गया है. वहीं स्कूलों में प्लेग्राउंड की संख्या में 82प्रतिशत की वृद्धि हुई और लाइब्रेरी में 89% की. उन्होंने कहा कि कई पैरामीटर में क्वांटम जंप हुए हैं, स्कूली शिक्षा की क्वालिटी मैं बहुत सुधार हुआ है. देश में मूक-बधिर बच्चों के लिए 31 साइन लैंग्वेज वाले चैनल लॉन्च किए गए हैं.
लड़कियां हुईं आगे
मंत्री ने बताया कि 2014 में 10th में पास रेशों 58.8% था आज वह 95% के करीब यानी 64% की ग्रोथ हुई है. हालांकि लड़कियों की ग्रोथ लड़कों से अधिक है. लड़कियों की ग्रोथ करीब 72% है. वहीं इन दस सालों में कक्षा 12वीं में ओवरऑल पास प्रतिशत बढ़ा है. परीक्षा में लड़के-लड़कियों के पास प्रतिशत में भी अंतर आया है. जहां 53% मेल होते हैं वहां 43% फीमेल भी होती हैं. देश में 47 प्रतिशत मेल टीचर हैं तो फीमेल टीचरों की संख्या 53 प्रतिशत बढ़ी है.
जेईई में नवोदय की बच्चों की संख्या बढ़ी
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि जेईई एडवांस्ड में आज नवोदय विद्यालयों के छात्रों की एंट्री में भी इजाफा हुआ है. जेईई में आज नवोदय और केंद्रीय विद्यालय के बच्चों की संख्या 10% हो गई है.
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एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में 20% की कटौती
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक की किताबों की कीमतों में 20 प्रतिशत की कमी की है. किताबों की कीमतों में यह कमी आगामी शैक्षणिक वर्ष से लागू होगी. उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी ने अगले एकेडमिक ईयर में 15 करोड़ बुक बनाने की तैयारी किया है जो पहले 5 करोड़ थी. एनसीईआरटी ने अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इन प्लेटफॉर्म के जरिए अब गांवों में भी किताबें कम कीमत पर उपलब्ध होंगी. बता दें कि एनसीईआरटी हर साल करीब 300 शीर्षकों में करीब 4-5 करोड़ पाठ्यपुस्तकें छापता है. अगले शैक्षणिक वर्ष तक एनसीईआरटी ने करीब 15 कोर किताबें छापने की योजना बनाई है.
अंतिम 10 साल में 104930 करोड रुपए खर्च
मंत्री ने कहा कि पीएम पोषण पर हमने अंतिम 10 साल में 104930 करोड रुपए खर्च किया है. वहीं हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. देश में विश्वविद्यालय की संख्या में 60% वहीं कॉलेज की संख्या में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हायर एजुकेशन में छात्रों की एनरोलमेंट में भी बढ़ोतरी हुई है.