जयपुर में इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स (आईजीजेए) के 51वे संस्करण को संबोधित करते हुए अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अमेरिका में उनकी कंपनी पर लगे आरोपों पर पहली बार बात की. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन हम इससे निकलेंगे और अच्छा करेंगे. हर राजनैतिक विरोध हमें और ताकत देता है.
‘फिर से उठेंगे’
गौतम अदाणी ने अपने अुनभवों को बताते हुए कहा कि पीछे मुड़कर देखने पर हमें अनगिनत सफलताएं मिली हैं, लेकिन हमारी चुनौतियां और भी बड़ी रही हैं. हालांकि, इन चुनौतियों ने हमें नहीं तोड़ा है. इसके बजाय, उन्होंने हमें परिभाषित किया है. उन्होंने हमें मजबूत बना दिया है और हमें अटूट विश्वास दिया है कि हर गिरावट के बाद, हम फिर से उठेंगे और पहले से अधिक मजबूत होंगे.
‘हर हमला हमें मजबूत बनाता है’
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि हमारी चुनौतियों का एक उदाहरण तो हाल का ही है. जैसा कि आपमें से अधिकांश ने पढ़ा होगा, दो सप्ताह से भी कम समय पहले, हमें अदाणी ग्रीन एनर्जी में अनुपालन प्रथाओं के बारे में अमेरिका से आरोपों का सामना करना पड़ा. यह पहली बार नहीं है, जब हमने इस तरह की चुनौतियों का सामना किया है. मैं आपको बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा अदाणी समूह के लिए एक सीढ़ी बन जाती है. तथ्य यह है कि बहुत सारी निहित स्वार्थों वाली रिपोर्टिंग के बावजूद, अदाणी पक्ष से किसी पर भी एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की किसी भी साजिश का आरोप नहीं लगाया गया है.
‘ये हमारे आगे बढ़ने की कीमत’
गौतम अदाणी ने कहा कि फिर भी, आज की दुनिया में, नकारात्मकता तथ्यों की तुलना में तेजी से फैलती है. और जैसा कि हम कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से काम करते हैं, मैं विश्व स्तरीय नियामक अनुपालन के लिए हमारी पूर्ण प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करना चाहता हूं. इन वर्षों में, मैं यह स्वीकार कर रहा हूं कि हम जिन बाधाओं का सामना कर रहे हैं, वे हमारे आगे बढ़ने की कीमत हैं. आपके सपने जितने बोल्ड होंगे, दुनिया उतनी ही आपकी छानबीन करेगी. हालांकि इस तरह की छानबीन के दौरान आपको ऊपर उठने के लिए साहस रखना होगा. यथास्थिति को चुनौती देने के लिए और एक ऐसी मंजिल पर पहुंचने के लिए, जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा. आपको साहस रखना ही होगा. सबसे आगे खड़ा होने के लिए आपको अनजाने लोगों को गले लगाना होगा, सीमाओं को तोड़ना होगा और अपनी दृष्टि पर विश्वास करना होगा, तब भी जब दुनिया इसे नहीं देख पा रही होगी.