राजकोषीय घाटा अक्टूबर के अंत में पूरे साल के लक्ष्य का 46.5 प्रतिशत: सरकारी आंकड़े


नई दिल्‍ली:

केंद्र का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में पूरे साल के लक्ष्य के 46.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. सरकारी आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 7,50,824 करोड़ रुपये था. सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में घाटा बजट अनुमान का 45 प्रतिशत था.

सरकार ने आम बजट में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था.

राजाकोषीय घाटे को सीमित करने का लक्ष्‍य 

इस तरह, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये पर सीमित रखना है.

वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों के मुताबिक शुद्ध कर राजस्व लगभग 13 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 50.5 प्रतिशत था.

इससे पिछले वित्त वर्ष के लिए सितंबर 2023 के अंत में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 55.9 प्रतिशत था.

इस साल अक्टूबर तक सात महीनों में केंद्र सरकार का कुल व्यय 24.7 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 51.3 प्रतिशत रहा. एक साल पहले की इसी अवधि में व्यय बजट अनुमान का 53.2 प्रतिशत था.

कुल व्यय में 20 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 4.66 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे.

इस कारण राजकोषीय घाटे में हुआ सुधार 

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों के बारे में कहा कि आरबीआई के लाभांश भुगतान और पूंजीगत व्यय में सालना आधार पर कमी के कारण सरकार के राजकोषीय घाटे में सुधार हुआ.

उन्होंने कहा कि राज्यों को जारी किए गए कर हस्तांतरण की दोहरी किस्त ने अक्टूबर 2024 में भारत सरकार के शुद्ध कर संग्रह को कम कर दिया. इसके अलावा अक्टूबर 2024 में राजस्व व्यय में तेज उछाल के कारण राजकोषीय घाटे में सालाना आधार पर वृद्धि हुई (अक्टूबर 2024 में 2.8 लाख करोड़ रुपये बनाम अक्टूबर 2023 में एक लाख करोड़ रुपये).

सीजीए के आंकड़ों से यह भी पता चला कि कुल राजस्व व्यय में से 5,96,347 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान और 2,48,670 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के लिए थे.

भारत सरकार ने अक्टूबर तक कुल प्राप्तियों में राज्य सरकारों को 7.22 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Source link

Central GovernmentCentral Government DataCGA DataController General of Accountsfiscal deficitRBIReserve Bank of Indiaआरबीआईकेंद्र सरकारकेंद्र सरकार के आंकड़ेराजकोषीय घाटारिजर्व बैंक ऑफ इंडियालेखा महानियंत्रकसीजीए के आंकड़े