नई दिल्ली:
शोले हिंदी सिनेमा की ऐसी आइकॉन मूवी है जिसे शायद ही कोई भूल पाए. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की जोड़ी, गब्बर सिंह का डायलॉग, और फिल्म का हर दृश्य आज भी लोगों के जेहन में ताजा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कल्ट क्लासिक शोले की सफलता को दोहराने की कोशिश में कई फिल्में बुरी तरह नाकाम रही हैं? ऐसी ही एक फिल्म थी ऐलान, 2005 में रिलीज हुई ऐलान में जॉन अब्राहम, अर्जुन रामपाल, मिथुन चक्रवर्ती जैसे बड़े सितारे थे. फिल्म को शोले से प्रेरित बताया गया था और इसका निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया था. लेकिन बड़े बजट और स्टारकास्ट के बावजूद, ऐलान बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई.
ऐलान की नाकामी के पीछे क्या कारण थे?
शोले की छाया: शोले इतनी बड़ी क्लासिक थी कि किसी भी फिल्म के लिए उसकी तुलना में खड़ा होना लगभग असंभव था. ऐलान, चाहे कितनी भी कोशिश करे, शोले की छाया से बाहर नहीं निकल पाई.
कमजोर पटकथा: शोले की पटकथा बेहद मजबूत थी, लेकिन ऐलान की पटकथा उतनी प्रभावशाली नहीं थी।
बेदम एक्टिंग: हालांकि कलाकारों ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन वे शोले के किरदारों को उतना प्रभावशाली तरीके से निभाने में कामयाब नहीं हुए.
शोले से तुलना: दर्शक लगातार ऐलान की शोले से तुलना करते रहे, जिससे फिल्म को नुकसान हुआ.
शोले की सफलता का राज क्या था?
मजबूत पटकथा: शोले की पटकथा बेहद मजबूत थी, जिसमें हर किरदार का अपना महत्व था.
शोले में एक्टिंग: अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अपने किरदारों में जान डाल दी थी.
शोले का म्यूजिक: आर.डी. बर्मन का संगीत फिल्म की जान था.
आखिर क्यों नहीं चली ऐलान?
शोले की सफलता को दोहराना आसान नहीं . एक क्लासिक फिल्म हमेशा दर्शकों के दिलों में बनी रहती है. ऐलान जैसी फिल्में हमें यह सिखाती हैं कि सिर्फ बड़े सितारे और बड़ा बजट ही किसी फिल्म को हिट नहीं बना सकते. एक अच्छी फिल्म के लिए एक मजबूत पटकथा, अच्छे निर्देशन और शानदार अभिनय की जरूरत होती है. आज के समय में भी शोले की लोकप्रियता बरकरार है. यह फिल्म नई पीढ़ी को भी प्रेरित करती है. शोले ने साबित किया कि एक अच्छी फिल्म हमेशा याद की जाती है.