नई दिल्ली:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Marashtra Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. गठबंधन को 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीट पर जीत मिली है. महा विकास आघाडी (MVA) महज 46 सीट पर सिमटकर रह गई. हालांकि इस प्रचंड जीत के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल पाया है. एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर एनडीए के घटकदलों में टकराव की आशंका है. शिवसेना की तरफ से एक ऐड जारी किया गया है. ऐड के बीच में शिंदे और आसपास फडणवीस और अजित पवार दिख रहे हैं. विज्ञापन में बाला साहेब ठाकरे की बड़ी तस्वीर है. नरेंद्र मोदी की भी तस्वीर विज्ञापन में हैं. यह विज्ञापन शिवसेना के सचिव संजय मोरे की तरफ से जारी किया गया है.
एकनाथ शिंदे की बीच में तस्वीर के क्या हैं मायने?
शिवसेना ने आनन-फानन में अखबारों में मतदाताओं को महायुति की जीत के लिए धन्यवाद देते हुए पूरे पेज का विज्ञापन दिया है. इसमें बाला साहेब और पीएम मोदी के बाद तीसरी सबसे बड़ी फोटो शिंदे की ही है. सरकार के मुखिया वही हैं और इस जीत के मुखिया भी वही हैं, यह संदेश देने की कोशिश की गयी है.
फडणवीस का छोटा फोटोः बीजेपी गठबंधन में अब बड़े भाई की भूमिका में है. लेकिन फडणवीस का कद शिवसेना ने छोटा ही रखा है. डेप्युटी ही रखा है. पवार के साथ भी यही ट्रीटमेट हैं. जाहिर है शिवसेना का साफ संदेश है कि महाजीत के बाद शिंदे 2.0 ही चलना चाहिए.
लाडकी बहनों को धन्यवादः महिला वोटरों को तुरंत धन्यवाद दिया है.यह स्कीम वैसे तो बीजेपी की ब्रेन चाइल्ड मानी जाती रही है, लेकिन शिवसेना ने जीत के विज्ञापन में साफ जाहिर किया है, स्कीम उसकी थी, और क्रेडिट भी उसे ही जाता है.
महायुति को मिली बड़ी जीत
महाराष्ट्र में ऐसी जीत की कल्पना बीजेपी ने भी नहीं की होगी. 288 की विधानसभा में 145 बहुमत का मैजिक नंबर है और बीजेपी अकेले 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. उसकी अगुआई वाले महायुति के पार्टनर एकनाथ शिंदे और अजित पवार का कद अब छोटा लग रहा है. शिंदे की शिवसेना को 57 तो अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं. दोनों ने असली शिवसेना और असली एनसीपी की जंग तो जीत ली है, लेकिन गठबंधन की बात करें, तो बीजेपी की बंपर सीटों ने उनकी मोलभाव की ताकत कम कर दी है. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति के खाते में कुल 236 सीटें हैं. उधर कांग्रेस, उद्धव और शरद पवार वाले महाविकास अघाड़ी का इन चुनावों में बेहद खराब प्रदर्शन देखने को मिला है.
महायुति में किस दल के पास कितनी सीटें
पार्टी | कितनी सीटों पर लड़े | कितनी जीतीं | 2019 में | नफा-नुकसान |
NDA कुल | 286 | 235 | 187 | +48 |
बीजेपी | 149 | 132 | 105 | +27 |
एसएस | 81 | 57 | 57 | +16 |
एनसीपी | 59 | 41 | 41 | 0 |
जेएसएस-एनडीए | 2 | 2 | 0 | +2 |
आरएसपीएस-एनडीए | 1 | 1 | 0 | +1 |
आरएसवीए-एनडीए | 1 | 1 | 0 | +1 |
नतीजों ने हमारे शासन मॉडल को ऐतिहासिक स्वीकृति दी: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति की प्रचंड जीत की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा के शासन मॉडल को जनता ने अपनी स्वीकृति दे दी है जबकि कांग्रेस के ‘झूठ और छल’ को खरजि कर दिया है. उन्होंने गांधी परिवार पर ‘जातिवाद और विभाजन का जहर’ फैलाने का आरोप लगाया.
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की अभूतपूर्व जीत से उत्साहित मोदी ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के साथ ‘छलावा’ करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और वक्फ अधिनियम को उसकी ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का उदाहरण बताया। केंद्र सरकार इस कानून को संशोधित करना चाहती है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने सच्ची धर्मनिरपेक्षता की हत्या करने की कोशिश की है और कहा कि वक्फ कानून का संविधान में कोई स्थान नहीं है.
पीएम मोदी ने दोहराया ‘एक हैं तो सेफ हैं’
‘एक हैं तो सेफ हैं’ के अपने नारे को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र से यह बड़ा संदेश है और यह देश का ‘महामंत्र’ बन गया है. उन्होंने विपक्षी पार्टी को परजीवी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए अपने दम पर सत्ता में आना कठिन होता जा रहा है. मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने झूठ और छल से लोगों को बांटने की कोशिश की है. उनका इशारा भाजपा से संविधान को खतरा होने के विपक्ष के दावे की ओर था. इस दावे से सत्तारूढ़ पार्टी को लोकसभा चुनाव में कुछ राज्यों में नुकसान उठाना पड़ा था.
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