प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 56 सालों में पहली बार गुयाना का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. जॉर्जटाउन पहुंचने पर उनका हार्दिक एवं औपचारिक स्वागत किया गया. गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और एक दर्जन से अधिक कैबिनेट मंत्रियों ने हवाई अड्डे पर उनका तहे दिल से स्वागत किया.
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और दक्षिण अमेरिकी देश की संसद की विशेष बैठक को संबोधित करेंगे.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi receives ceremonial welcome and Guard of Honour in Georgetown, Guyana
During his visit, PM Modi will hold a bilateral with President Mohamed Irfaan Ali and will address a special sitting of Guyana’s parliament. He will also join leaders from… pic.twitter.com/3cnVzCGOeD
— ANI (@ANI) November 20, 2024
गुयाना में भारत के दूत अमित एस तेलंग ने इस यात्रा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे और मधुर संबंधों को दर्शाती है, जिसे मैं ऐतिहासिक रूप से मजबूत कहूंगा. लगभग पांच दशकों के बाद – सटीक रूप से 56 साल – यह यात्रा वर्षों से हमारे बीच विकसित हुई स्थायी मित्रता, आपसी विश्वास और सहयोग का प्रतीक है.”
उन्होंने भारत और गुयाना के बीच मजबूत होते संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा, “गुयाना में हमारा भारतीय समुदाय भी बढ़ रहा है, जिसमें छात्र, पेशेवर और व्यापार और वाणिज्य से जुड़े लोग शामिल हैं. इस यात्रा को लेकर सभी बहुत उत्साहित, जोश से भरपूर और आशावाद हैं, और मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा हमारी साझेदारी को नई गति प्रदान करेगी.”
तेलंग ने कैरीकॉम (कैरिबियन समुदाय और साझा बाजार) के साथ भारत की सक्रिय भूमिका की ओर भी इशारा किया, जिसका गुयाना सदस्य है. उन्होंने कहा, “भारत हमारी ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ पहल के माध्यम से कैरीकॉम देशों के साथ घनिष्ठ सहयोग कर रहा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान लॉन्च किया गया था. कई कैरीकॉम नेताओं ने इन शिखर सम्मेलनों में भाग लिया और अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए.”
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी कैरीकॉम लीडर्स सेस कैरीकॉम-इंडिया समिट के दौरान मीटिंग करेंगे. इसमें उनके साथ ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री, डिकॉन मिशेल भी मौजूद रहेंगे. शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और प्रौद्योगिकी नवाचार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कैरिकॉम और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करना है.