नई दिल्ली:
भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने सोमवार को उस होटल से एक “मनमोहक” दृश्य का वीडियो शेयर किया, जहां वह जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील के रियो में रुके थे. इस वीडियो को लेकर अमिताभ कांत को सोशल मीडिया पर कई यूजर्स की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जो दिल्ली में भयंकर वायु प्रदूषण के बीच सांस लेने को मजबूर हैं.
अमिताभ कांत शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्राजील में हैं. इस दौरान उन्होंने अपने होटल की खिड़की से बाहर नजर आ रहे दृश्य का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “होटल नैशनल का आश्चर्यजनक दृश्य, जहां मैं जी 20 लीडर्स शिखर सम्मेलन के लिए रियो में रह रहा हूं. यह समुद्र, समुद्र तट, पहाड़ों, गगनचुंबी इमारतों और पावेला को दर्शाता है.”
Mr Kant, when did you last see such clear skies in New Delhi? As head of the Planning Commission or whatever you call it now, is it not your duty to take cognisance of the hazardous skies in your city? What are your plans? Do share. https://t.co/8HYgBHjFTP
— Col Pavan Nair (@pavannair) November 18, 2024
अमिताभ कांत की इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने उन्हें दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर की याद दिलाई. बता दें कि अमिताभ कांत दिल्ली से ही हैं. एक यूजर्स ने कमेंट किया, “मिस्टर कांत, आपने आखिरी बार नई दिल्ली में इतना साफ आसमान कब देखा था? योजना आयोग के प्रमुख के रूप में या अब आप इसे जो भी कहें, क्या यह आपका कर्तव्य नहीं है कि आप अपने शहर में खतरनाक आसमान का संज्ञान लें? आप क्या सोचते हें बताएं?’
एक दूसरे यूजर ने कमेंट किया, “मेरे मन में आपके प्रति बहुत सम्मान है और आप हमारे देश के लिए एक अभूतपूर्व नौकरशाह रहे हैं, लेकिन खूबसूरत रियो से आपके इस ट्वीट ने आपके गृह शहर दिल्ली में आज मेरे लिए निराशा और असहाय होने की भावना के सभी द्वार खोल दिए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब आप दुनिया के लिए वसुधैव कुटुंबकम की वकालत कर रहे हैं (और सही भी है), तो आपके दिल्ली-एनसीआर को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में निंदा की जाती है. हमने यह खिताब लाहौर से जीता है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आप सभी राज्यों में पराली विरोधी प्रयासों के ‘शेरपा’ बनें, विश्व शांति के नहीं, बल्कि भारत के उत्तरी हिस्से में ताजी हवा के शेरपा बनें और एक ऐसे शेरपा बनें, जो इस देश के सबसे वरिष्ठ नेतृत्व को याद दिलाए कि सब कुछ समय रहते संभाल लेना चाहिए.’
कांग्रेस केरल के एक्स हैंडल ने भी पोस्ट पर कमेंट किया, जिसमें कहा गया कि एक्यूआई केवल 13 है, लेकिन दिल्ली में, “एक्यूआई रीडर” टॉप सीमा तक पहुंचने के बाद पागल हो गया है.
गौरतलब है कि दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया. दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण उससे निकला धुंआ और प्रदूषक ठंडी हवा में घुलमिल जाते हैं.
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