‘हम हर चीज की दवा नहीं, हर चीज़ के विशेषज्ञ नहीं’: सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. 


नई दिल्ली:

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज को लेकर दाखिल की गई एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर चीज की दवा नहीं है. हम हर चीज़ के विशेषज्ञ नहीं हैं. सरकार को चलाना कोर्ट का काम नहीं है. दरअसल पिनक पानी मोहंती ने याचिका दाखिल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच के आदेश देने की मांग की थी. साथ ही ये घोषित करने की मांग की थी कि भारतीय स्वतंत्रता आज़ाद हिंद फ़ौज द्वारा प्राप्त की गई थी. लेकिन जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. 

“आपको उचित मंच पर जाना चाहिए”

याचिकाकर्ता ने कहा कि नेताजी के लापता होने पर कोई अंतिम परिणाम नहीं मिला. उनकी मृत्यु एक रहस्य है. उनकी मृत्यु 1945 में विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी. लेकिन जस्टिस सूर्यकांत ने कहा आपको उचित मंच पर जाना चाहिए. एक आयोग सही था या दूसरा यह मुद्दा नीति के बारे में है. हम हर चीज़ के विशेषज्ञ नहीं हैं. आप राजनीतिक कार्यकर्ता हैं. अपनी पार्टी में जाएं और मुद्दा उठाएं.  सुप्रीम कोर्ट हर चीज़ की दवा नहीं है. सरकार को चलाना कोर्ट का काम नहीं है. इसी के साथ अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया.
 

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