नई दिल्ली:
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) में सोमवार सुबह आठ बजे से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तहत चौथे चरण के प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप समिति ने संशोधित जीआरएपी के चरण-IV को पूरे एनसीआर में लागू कर दिया है. यह कल 18 नवंबर को सुबह 8 बजे से लागू होगा. इसके तहत आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा. एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक, बीएस-4 डीजल ट्रकों को प्रवेश की अनुमति होगी.
दिल्ली-एनसीआर में प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खराब श्रेणी में बने रहने की प्रवृत्ति के मद्देनजर जीआरएपी उप समिति ने इमरजेंसी मीटिंग की. उप समिति ने मौजूदा वायु गुणवत्ता की स्थिति और भारत मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों का जायजा लिया.
उप समिति ने पाया कि रविवार को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 441 दर्ज किया गया, जो कि लगातार बढ़ता गया. आज शाम को 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 452 था और शाम 7 बजे बढ़कर 457 हो गया.
इस स्थिति को देखते हुए सीएक्यूएम उप-समिति ने पूरे एनसीआर में 18 नवंबर को सुबह 8 बजे से GRAP के चरण-IV के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का फैसला लिया. साथ ही क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए चरण I, II और III के तहत सभी कार्रवाइयां लागू की जाएंगी.
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दिल्ली एनसीआर में संशोधित GRAP के चरण-IV के तहत सभी प्रतिबंध सोमवार को सुबह से लागू हो जाएंगे. सभी संबंधित एजेंसियां इन्हें लागू करेंगी. सीएक्यूएम ने नागरिकों से सहयोग करने और जीआरएपी के सिटीजन चार्टर का पालन करने का आग्रह किया है.
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली एनसीआर में आपातकालीन उपाय अपनाए जाएंगे. बढ़ते प्रदूषण के चलते लागू किया जा रहा जीआरएपी-4 चरण AQI 450 के पार जाने पर लागू होता है.
सीएक्यूएम उइप समिति ने दिल्ली एनसीआर में स्कूलों को बंद करने की सलाह दी है. उप समिति ने कहा है कि दफ्तरों में 50 फीसदी लोग ही काम करें. बाकी लोगों से वर्क फ्राम होम कराने की सलाह दी गई है. आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले के वाहनों, सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य भारी वाहनों की एंट्री पर रोक रहेगी.
राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, दूरसंचार आदि जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं पर भी प्रतिबंध लागू होगा. एनसीआर में राज्य सरकारें स्कूलों में भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने का निर्णय ले सकती हैं.
एनसीआर में राज्य सरकारें सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की इजाजत देने पर निर्णय ले सकती हैं. केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की इजाजत देने पर फैसला ले सकती हैं.
राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं जैसे कॉलेज/शैक्षणिक संस्थान बंद करना और गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर वाहनों को सम-विषम (ऑड-ईवन) आधार पर चलाने की अनुमति देना आदि.
परियोजनाओं पर होगा असर
जीआरएपी-4 लागू होने का असर दिल्ली की कुछ बड़ी परियोजनाओं पर पड़ेगा. दिल्ली में चल रहे 6 अंडर पास और बायपास बनाने के काम में देरी होगी. चार नए अस्पतालों के निर्माण में देरी हो सकती है. जानकारों के मुताबिक मुकरबा चौक व हैदरपुर मेट्रो रोड को जाममुक्त बनाने के लिए तीन अंडरपास के निर्माण का काम भी प्रभावित होगा. प्रगति मैदान के पास भैरों मार्ग से रिंग रोड पर जाने के लिए अंडरपास के काम पर भी ब्रेक लग जाएगा. यमुना खादर में मयूर विहार फेज-एक के सामने बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर फेज-तीन के काम में भी देरी हो सकती है.