खबर में कहा गया था कि 25 राज्यों के 230 जिलों के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक पाया गया जबकि 27 राज्यों के 469 जिलों के कुछ हिस्सों में फ्लोराइड पाया गया. न्यायिक सदस्य न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और विशेष सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उसने जिलों और राज्यों में आर्सेनिक तथा फ्लोराइड की मौजूदगी की बात स्वीकार की है.
पीठ ने कहा, ‘‘उसने यह भी स्वीकार किया है कि दोनों रसायनों या धातुओं का मानव शरीर और स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर असर होता है और ये स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा करते हैं. ”अधिकरण ने मामले में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही केंद्रीय भूजल प्राधिकरण और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पक्षकार या प्रतिवादी बनाया है.
पीठ ने कहा, ‘‘उपरोक्त सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें. ” पीठ ने उनसे एक महीने के भीतर जवाब मांगा है. जिन राज्यों को नोटिस भेजा गया है उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मेघालय और नगालैंड शामिल हैं.
साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली तथा पुडुचेरी को भी नोटिस भेजा गया है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की गयी है.
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