यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष अतुल केशप (Atul Keshap) ने गुरुवार को NDTV के साथ एक खास इंटरव्यू में ये बातें कही. अतुल केशप ने कहा, “2023 दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए एक अनोखा दौर शुरू हुआ है. ऐसे मुद्दे अब तक दुनियाभर में अमेरिका के बेहद करीबी देशों के साथ सामने आते हैं.”
पीएम ने दिया था ये बयान
पीएम मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या से संबंधित आरोपों की जांच की जाएगी. हालांकि, पीएम ने जोर देकर कहा कि ‘कुछ घटनाएं’ भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को पटरी से नहीं उतार सकतीं. भारत और अमेरिका के रिश्ते अब तक के सबसे अच्छे दौर में है.
अमेरिकी वीटो से बचने के लिए गाजा पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान में एक दिन की देरी
राजनयिक अतुल केशप ने जोर देकर कहा, “हर रिश्ते में मुद्दे सामने आते हैं. खासतौर पर अमेरिका और भारत के बीच व्यापक, विविध और शक्तिशाली मुद्दे हैं. यह दुनियाभर में अमेरिका के निकटतम सहयोगियों के साथ होता है. जापान, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ भी ऐसा होता है.”
अतुल केशप ने कहा, “जिस तरह से हमारी दोनों सरकारें सामने आए मुद्दों को संभाल रही हैं. वो काबिलेतारीफ है. दोनों देशों ने मुद्दों को बहुत मैच्योरिटी से डील किया है. दो महान लोकतंत्रिक देशों के बीच साझा रणनीतिक, आर्थिक और टेक्निकल कंवर्जेंस काफी अहम है.” उन्होंने कहा, “और इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि वे इसे बहुत ही सही तरीके, मैच्योरिटी और चतुराईपूर्ण ढंग से मैनेज करेंगे. क्योंकि दोनों देशों का रिश्ता इस स्टेज पर पहुंच चुका है.”
प्रत्यर्पण या मामले को छोड़कर आगे बढ़ना?
अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर जून में चेक गणराज्य के प्राग एयरपोर्ट पर भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को हिरासत में लिया गया था. अमेरिकी न्याय विभाग ने निखिल गुप्ता पर भारत सरकार के एक अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने निखिल गुप्ता के चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण की मांग की है. खालिस्तानी आतंकवादी के पास संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा दोनों की नागरिकता है.
भारत और अमेरिका के रिश्ते को देखते हुए क्या निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण होगा या इसमें देरी होगी? इसके जवाब ने केशप ने कहा, “ठीक है, देखिए. मैं पूर्वानुमान नहीं लगा सकता, लेकिन मुझे इस बात का बहुत उच्च स्तर का विश्वास है. दिल्ली और वॉशिंगटन के सत्ता के गलियारों में दोनों पक्ष कई अलग-अलग आयामों में हमारी साझा साझेदारी के जबरदस्त महत्व को पहचानते हैं.”
इजरायल-हमास युद्ध की ओर इशारा करते हुए यूएस राजनयिक ने बताया कि भारत और अमेरिका मध्य पूर्व की स्थिरता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
लाल सागर में गश्ती और इकोनॉमिक कॉरीडोर
इजरायल-हमास युद्ध के मद्देनजर कथित तौर पर यमन में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हमले तेज कर दिए हैं. ऐसे में क्या भारत को इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य की रक्षा में एक बड़ी भूमिका निभानी चाहिए? इसके जवाब में केशप ने कहा, “भारत ने ऐसा किया है. हिंद महासागर में गश्ती बढ़ाना और नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक जबरदस्त काम है.”
उन्होंने कहा, “और इसलिए भारत बहुत सक्षम है. मेरे लिए यह स्पष्ट होता जा रहा है कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली, तेल अवीव और रियाद और अबू धाबी सभी उस पूरे क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने में एक दूसरे को संयुक्त भागीदार के रूप में देख रहे हैं.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम यहां जो देख रहे हैं, वह मिडिल ईस्ट में बढ़ती समस्याओं में एक है.”
‘जिंदगी अच्छी है’
अतुल केशप ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले साल गणतंत्र दिवस के लिए भारत नहीं आ रहे हैं. यह उनके चुनावों में व्यस्त होने के साथ-साथ शेड्यूलिंग स्ट्रगल का नतीजा हो सकता है. उन्होंने कहा, “लेकिन जब आप 2023 में उपलब्धि के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हैं, तो हम ऊंची उड़ान भर रहे हैं. जिंदगी बहुत अच्छी है. हमारी कंपनियां खुश हैं. यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल अच्छा कर रहा है.” अतुल केशप ने कहा, “हमारी अपनी समस्याएं हैं. लेकिन, क्योंकि हम लोकतांत्रिक हैं, हम उनसे निपट सकते हैं.”