नई दिल्ली :
कांग्रेस (Congress) ने हालिया विधानसभा चुनाव में हार के बाद अपनी मध्य प्रदेश इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के स्थान पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को राज्य इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया. मध्य प्रदेश में ओबीसी मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से अधिक है. पटवारी राऊ विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार से 35,000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गए थे. उनके चयन को लोकसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण राज्य में एक नई शुरुआत करने के पार्टी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें चार महीने से भी कम समय बचा है.
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पटवारी की नियुक्ति के बाद कमलनाथ के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, जो अब 77 साल के हैं और केंद्र में कैबिनेट मंत्री, नौ बार लोकसभा सांसद और करीब 15 महीने तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 230 सदस्यीय सदन में 163 सीट जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी थी, वहीं कांग्रेस सिर्फ 66 सीट ही जीत सकी थी. हालांकि छत्तीसगढ़ में हार के बावजूद कांग्रेस ने दीपक बैज को प्रदेशाध्यक्ष बनाए रखने का फैसला किया है.
मध्य प्रदेश में पार्टी ने उमंग सिंघार को कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया है, जिसका मतलब है कि वह विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे और उपनेता के रूप में हेमंत कटारे को चुना है.
पीढ़ीगत परिवर्तन के अलावा यह चयन इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह जातिगत संतुलन के कांग्रेस के प्रयास को भी दर्शाते हैं. कमलनाथ ब्राह्मण नेता थे और अब उनकी जगह जीतू पटवारी को लाया गया है, जो ओबीसी हैं. वहीं उमंग सिंघार एक आदिवासी हैं और दिवंगत जमुना देवी के भतीजे हैं, जो पूर्व उपमुख्यमंत्री थीं.
नियुक्तियों की घोषणा करते हुए कांग्रेस ने एक बयान में कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष ने जीतू पटवारी को तत्काल प्रभाव से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.” साथ ही कहा गया, “पार्टी निवर्तमान पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के योगदान की सराहना करती है.”
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