जयपुर:
राजस्थान पुलिस ने राज्य में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान 436 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब और नशीले पदार्थ की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती की. इसका इस्तेमाल संभवत: मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाना था. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी. अधिकारियों ने कहा कि यह जब्ती 2018 के चुनावों की तुलना में छह गुना अधिक है जब राजस्थान पुलिस द्वारा 65 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब व नशीले पदार्थ की जब्ती की गई थी.
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निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तैनात विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल मिलाकर, 690 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की गई, जहां कुल 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग ने नौ अक्टूबर को राज्य में आचार संहिता लागू किया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से कुल 436 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती में से 47 करोड़ रुपये नकद, 39 करोड़ रुपये की शराब और 87 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ पकड़े गए.
अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कई विशेष अभियान चलाए, जिनमें संगठित समूहों के खिलाफ ‘जैकपॉट’ कूट नाम वाली कार्रवाई भी शामिल थी. अधिकारियों ने कहा कि इसी तरह, जांच चौकियों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अभियान ‘नक्काशी’ शुरू किया गया था, जबकि राज्य में अवैध शराब की आवाजाही का पता लगाने के लिए ‘मदिराधर’ शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि रात के दौरान गहन गश्त और जांच सुनिश्चित करने के लिए ‘ब्लड मून’ नामक विशेष पहल शुरू की गई थी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने ‘स्टॉर्म क्लब’ नाम से एक ‘वॉर रूम’ जैसी नियंत्रण इकाई भी बनाई थी और सभी कर्मियों को उनकी उपलब्धियों का विशेष उल्लेख करके उन्हें प्रेरित किया गया. अधिकारी ने कहा, ‘‘वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान, केवल एक जिले में 10 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी, जबकि इस बार आठ जिलों में 20 करोड़ रुपये की अवैध जब्ती का आंकड़ा पार हो गया, जबकि दो जिलों में 35 करोड़ रुपये की जब्ती की गई.”
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)