खास बातें
- महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है
- तृणमूल सांसद के खिलाफ यह जांच लोकपाल के निर्देश पर शुरू हुई
- जांच ही तय करेगी कि सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं
नई दिल्ली :
महुआ मोइत्रा घूसकांड मामले (Mahua Moitra Bribery Case) में एक बड़े घटनाक्रम में सीबीआई (CBI) ने तृणमूल कांग्रेस सांसद (Trinamool Congress MP) के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने यह जांच लोकपाल के निर्देश पर शुरू की है. सूत्रों ने एनडीटीवी को यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू की है और एजेंसी इस जांच के नतीजे के आधार पर ही यह तय करेगी कि सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं. प्रारंभिक जांच के तहत, सीबीआई किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है या तलाशी नहीं ले सकती है, लेकिन वह जानकारी मांग सकती है, दस्तावेजों की जांच कर सकती है और तृणमूल सांसद से पूछताछ भी कर सकती है. यह जांच लोकपाल के आदेश के आधार पर शुरू की गई है, इसलिए रिपोर्ट भ्रष्टाचार निरोधक निकाय को सौंपी जाएगी.
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इस मामले में सीबीआई में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी. देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी लिखा था और दुबे की शिकायत के आधार पर स्पीकर ओम बिरला ने मामले को एथिक्स कमेटी को भेज दिया था. दुबे ने लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी.
पैनल को भेजे गए हलफनामे में हीरानंदानी ने आरोप लगाया था कि तृणमूल सांसद ने एक सांसद के रूप में उनके साथ ईमेल आईडी साझा की थी ताकि वह उन्हें जानकारी भेज सके और वह संसद में सवाल उठा सकें. उन्होंने दावा किया कि बाद में उन्होंने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया ताकि वह सीधे प्रश्न पोस्ट कर सकें.
हलफनामे में हीरानंदानी ने लगाए थे गंभीर आरोप
हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था, “महुआ मोइत्रा जल्द राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती थीं. उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें सलाह दी थी कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता पीएम नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना है.” साथ ही उन्होंने कहा था, “मोइत्रा ने सोचा कि पीएम मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अदाणी पर हमला करना है, क्योंकि दोनों एक ही राज्य गुजरात से हैं.”
ममता बनर्जी ने हाल ही में तोड़ी है महुआ पर चुप्पी
सीबीआई का यह कदम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के इस विवाद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ने के दो दिन बाद आया है. बनर्जी ने कहा था कि महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो ये महुआ के लिए 2024 के चुनाव से पहले फायदेमंद ही रहेगा. बनर्जी ने कहा था, “उन्होंने महुआ को भगाने की योजना बनाई है. वह तीन महीने में लोकप्रिय हो जाएंगी. उन्होंने जो अंदर कहा वह बाहर कहेंगी. वह हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. उन्होंने क्या खो दिया?”
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