नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की एक मानहानि शिकायत के खिलाफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दायर एक अपील पर दिल्ली की अदालत के सात दिसंबर को विचार करने की संभावना है. शेखावत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गहलोत ने संवाददाता सम्मेलन, मीडिया की खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये राज्य में संजीवनी घोटाले से उन्हें (शेखावत को) जोड़कर सार्वजनिक रूप से उन्हें बदनाम किया है.
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने शुक्रवार को आरोपी और शिकायतकर्ता के मामले में अपनी लिखित दलील दाखिल करने पर गौर करते हुए सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित की. न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यहां की एक मजिस्ट्रेट अदालत को शिकायत पर अंतिम आदेश सुनाने से बचने का उनका पूर्व का निर्देश सात दिसंबर तक प्रभावी रहेगा, जो सुनवाई की अगली तारीख है.
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोनों ओर से लिखित दलील दाखिल की गई है. उन्होंने एक-दूसरे की दलील की प्रतियां भी ली हैं. इस विषय को विचारार्थ/आगे की दलीलों के लिए अब सात दिसंबर के वास्ते सूचीबद्ध किया जाए. अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेंगे.”
इससे पहले, न्यायाधीश ने शिकायत के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने की अनुमति दी थी. मजिस्ट्रेट अदालत केंद्रीय मंत्री और राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता शेखावत की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राज्य में संजीवनी घोटाले से उन्हें जोड़ने वाली गहलोत की कथित टिप्पणियों को लेकर यह शिकायत दायर की थी.
यह घोटाला हजारों निवेशकों से संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा करीब 900 करोड़ रुपये की कथित ठगी करने से जुड़ा है. जोधपुर से सांसद शेखावत ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गहलोत ने कथित घोटाले को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं और उनकी छवि धूमिल करने तथा उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कहा था कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मानहानिकारक आरोप लगाये हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)