‘पनौती’ टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को EC का नोटिस, जवाब के लिए दिया शनिवार तक का समय

खास बातें

  • राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस
  • ‘पनौती’ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता की बढ़ सकती है मुश्किल
  • बीजेपी ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ सकती है. राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान ‘पनौती’ शब्द के प्रयोग को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग से उनकी शिकायत की थी. बीजेपी की शिकायत पर अब चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता को नोटिस जारी किया है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता को जवाब के लिए शनिवार तक का समय दिया है. बीजेपी की तरफ से की गयी शिकायत के अनुसार राहुल गांधी ने एक सभा में पीएम मोदी पर हमला करते हुए  ‘पनौती’, ‘जेबकतरे’ और कर्ज माफी संबंधी टिप्पणी की थी. 

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बीजेपी ने शिकायत में क्या कहा था?

बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने निर्वाचन आयोग से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था. बीजेपी की तरफ से दिए गए ज्ञापन में कहा गया था कि इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा, इस तरह के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देगा और इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा. 

बीजेपी ने इंदिरा गांधी को लेकर भी साधा था निशाना

बीजेपी ने कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और गृह मंत्री बूटा सिंह राष्ट्रीय राजधानी में 1982 एशियाड हॉकी फाइनल देखने गए थे जिसमें भारत पाकिस्तान से 7-1 से हार गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के पिछड़ने के बाद वे मैच बीच में ही छोड़कर चले गए थे.उन्होंने दावा किया कि यह टीम का अपमान था और इंदिरा गांधी के आचरण ने खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ा था. 

राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘पनौती मोदी’ कहने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की और उनकी टिप्पणी को ‘शर्मनाक एवं अपमानजनक’ करार देते हुए उनसे माफी की मांग की थी.  भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि देश के प्रधानमंत्री के बारे में गांधी की टिप्पणी, ‘शर्मनाक, निंदनीय और अपमानजनक’ है. 

रविशंकर प्रसाद ने कहा था उन्होंने अपना असली रंग दिखा दिया है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उनकी मां सोनिया गांधी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहे जाने के बाद कांग्रेस गुजरात में कैसे डूब गई थी. 

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