Chhath2023 Puja samagri List: लोक महापर्व छठ शुरू हो चुका है. इस व्रत में संतान की दीर्घायू और घर की सुख समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है. कभी बिहार (Bihar) और पूर्वी यूपी तक सीमित रहने वाला ये पर्व आज पूरे भारत ही नहीं विदेश तक में मनाया जाने लगा है. इस पर्व के कुछ खास नियम हैं (Chhath puja niyam) और बहुत सी खास वस्तुओं की जरूरत होती है. आइए जानते हैं छठ पूजा के लिए जरूरी सामान क्या क्या हैं.(Chhath Puja Samagri).
कब क्या है
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चार दिन चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होती है. इस बार 17 नवंबर को नहाय खाय हो गया और 18 नवंबर को खरना होगा जिसमें गुड़ की खीर व रोटी का प्रसाद तैयार किया जाता है. 18 नवंबर को व्रती अस्ताचल सूर्य देव को अर्घ्य देंगे. 19 नवंबर को उदयाचल सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ पर्व समाप्त होगा.
छठ पूजा की सामग्री
- अर्घ्य देने के लिए नए वस्त्र
- बांस की टोकरी व सूप
- अर्घ्य देने के लिए पीतल का लोटा या गिलास
- पीतल की थाली
- पत्तों समेत पांच गन्ना
- शकरकंद और रतालू
- पान के पत्ते, सुपारी और हल्दी की गांठ
- मूली, अदरक और गाजर
- बड़ा नींबू या माहताब
- फल-सेब, केला, संतरा, शरीफा, नाशपाती
- पानी का सिंघाड़ा
- पानी वाला नारियल
- मिठाई
- चावल, गेहूं
- सिंदूर, कलावा
- दिया, शहद, कपूर, कुमकुम, धूप
- ठेकुआ और चावल के लड्डू
छठ का महत्व
छठ प्रकृति का महत्व स्वीकारने का पर्व है. इसमें प्रकृति के प्रतीक के रूप में भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा की जाती है. यह व्रत संतान के लिए बच्चों के दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)