लंदन:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान नेताओं के समक्ष देश में खालिस्तान चरमपंथ का मुद्दा उठाया. साथ ही जयशंकर ने कहा कि नेताओं को अभिव्यक्ति तथा बोलने की स्वतंत्रता के दुरुपयोग के प्रति सतर्क रहना चाहिए. जयशंकर ने बुधवार को अपनी पांच दिवसीय ब्रिटेन यात्रा संपन्न की, जिसे उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए चल रही वार्ता में ‘पर्याप्त प्रगति’ के बीच ‘‘समयोचित” करार दिया.
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ अपनी मुलाकात के दौरान, जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं. सुनक और जयशंकर ने समकालीन चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में भारत-ब्रिटेन संबंधों को बढ़ाने में सकारात्मक गति पर संतोष व्यक्त किया. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए जारी बातचीत पर चर्चा की.
जयशंकर ने रवानगी से पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग में मीडिया से बातचीत में ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्रियों तथा विपक्ष के नेताओं के साथ हुई बातचीत के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. जयशंकर की ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) टिम बैरो के साथ हुई बैठकों के दौरान, देश में खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के बीच भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं पर विचार विमर्श हुआ.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारी चरमपंथ को लेकर तथा खालिस्तान का समर्थन करने वालों सहित विभिन्न ताकतों की ओर से कभी-कभार होने वाली हिंसक गतिविधियों को लेकर लंबे समय से चिंताएं हैं.” जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम यहां की सरकार को यह समझाने का प्रयास करते रहे हैं कि हम दोनों ही लोकतंत्र होने के नाते यकीनन अभिव्यक्ति और बोलने की स्वतंत्रता के महत्व को समझते हैं और उन्हें इन स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के प्रति सावधान रहना चाहिए.”
मार्च में ‘इंडिया हाउस’ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘स्थिति की गंभीरता को पहचाना गया है” और भारत की अपेक्षा यह है कि उसके राजनयिक मिशन को अपेक्षित सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वह अपना कामकाज बिना किसी बाधा के कर पाए, साथ ही ‘हिंसा और चरमपंथ की वकालत के खिलाफ कड़ा रुख’ रहेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या एफटीए पर होने वाली 14वें दौर की वार्ता निर्णायक होने की संभावना है, विदेश मंत्री ने कहा, “हमने पर्याप्त प्रगति की है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भविष्यवाणी करना या समयसीमा तय करना सही होगा. मुझे लगता है कि दोनों पक्ष एफटीए के महत्व के बारे में जानते हैं और इसे हासिल करने के लिए अधिकतम प्रयास करेंगे..”
जयशंकर ने ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. जयशंकर ने कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास संघर्ष सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई. जयशंकर ने बताया कि कैमरन ने उन्हें इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट टीम के हस्ताक्षर वाला एक बल्ला भेंट किया. जयशंकर ने इस उपहार को ‘बेहद खास’ बताया.
विदेश मंत्री ने रविवार को प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने सुनक को विराट कोहली के हस्ताक्षर वाला बल्ला भेंट किया था. उन्होंने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर मैं यह कहूंगा कि यह यात्रा सही वक्त पर हुई और इसकी बेहद जरूरत थी क्योंकि इस प्रकार के व्यक्तिगत मेलमिलाप देशों के बीच समझ विकसित करने में काफी मददगार साबित होते हैं. मैं बेहद संतुष्ट हूं कि ब्रिटिश तंत्र ने सभी प्रासंगिक स्तरों पर जुड़ने का प्रयास किया और यह अपने आप में हमारे संबंधों में निकटता की बानगी है.”
जयशंकर ने विपक्षी दल ‘लेबर पार्टी’ के नेता कीर स्टार्मर और विदेश मंत्रालय के पदाधिकारी डेविड लैमी के साथ भी विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत किया और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी तथा रोडमैप 2030 पर प्रगति की पृष्ठभूमि में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को एक नई गति प्रदान की.”