इजरायल-हमास जंग : युद्ध में क्या अस्पतालों को बनाया जा सकता है मिलिट्री टारगेट? क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून

इजरायल इस अस्पताल के नीचे हमास का कमांड सेंटर होने का दावा करता है. इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या जंग के दौरान किसी देश की सेना दूसरे देश के अस्पतालों को टारगेट कर सकती हैं? आइए जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहता है:-

गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में टैंक लेकर घुसी इजरायली सेना, अंदर फंसे 2300 लोग; हमास से सरेंडर करने को कहा

जिनेवा कन्वेंशन (The Geneva Conventions)

1949 के जिनेवा कन्वेंशन के तहत स्कूल, अस्पताल और धर्मस्थल जैसे कुछ स्थानों को युद्ध क्षेत्र के लिहाज से सुरक्षित घोषित किया गया है. जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, अस्पताल जैसी जगह पर कोई भी दुश्मन पक्ष हमला नहीं कर सकता है. न ही दबाव देकर इन जगहों को खाली कराया जा सकता है. हालांकि, जिनेवा कन्वेंशन में जिक्र किया गया है कि अगर कोई दुश्मन देश गलत तरीके से अस्पतालों, स्कूलों या धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रहा है, तो उस केस में ये संस्थाएं संरक्षण खो सकती हैं.

साउथ-ईस्ट फ्रांस के ल्योन-3 यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल ह्यूमैनेटेरियन लॉ के एक्सपर्ट मैथिल्डे फिलिप-गे के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अपनाए गए जिनेवा कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का मूल हैं. खास तौर पर नागरिक अस्पतालों के लिए सुरक्षात्मक रूप में इसकी बहुत अहमियत है.

“16 और उससे ज्यादा उम्र के सभी…” : इजरायली सेना की छापेमारी के वक्त गाजा अस्पताल का भयावह मंजर

वॉर क्राइम  (War Crime)

इजरायली सेना के अस्पतालों के बाहर टैंक तैनात करना और कैंपस में घुसकर सर्च ऑपरेशन चलाने को कई अतंरराष्ट्रीय देश ‘वॉर क्राइम’ भी बता रहे हैं. हम इसे भी समझने की कोशिश करते हैं. जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक, युद्ध क्षेत्र में कुछ ऐसे काम है, जिसे वॉर क्राइम कहा जाता है. मसलन- युद्धबंदियों के इलाज में रुकावट डालना, नागरिकों को टारगेट करना, घायलों को इलाज करवाने से रोकना. इसमें से कुछ वॉर क्राइम हमास ने किए हैं. हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर बेगुनाह नागरिकों को मार डाला. इसके अलावा इजरायल का गाजा में दबाव डालकर अस्पतालों को खाली करने पर मजबूर करना भी हमास के वॉर क्राइम में गिना जाएगा.

जंग के दौरान अस्पतालों को लेकर क्या है अंतरराष्ट्रीय कानून?

-साल 1949 में जिन चार कंवेंशन पर सहमति बनी थी. इनमें यह तय किया गया कि युद्धकाल में नागरिकों, घायलों और कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए. नियम के अनुसार युद्ध के दौरान हत्या, यातना, बंधक बनाने और अपमानजनक व्यवहार करने पर प्रतिबंध है और दूसरे पक्ष के बीमारों और घायलों का इलाज करने के लिए अगर सेना की जरूरत है, तो उन्हें ये देना जरूरी है.

-भले ही जंग के दौरान दुश्मन देश अस्पताल का इस्तेमाल हानिकारक काम के लिए करते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दूसरे पक्ष को “दो दिनों तक बमबारी करने और इसे पूरी तरह से नष्ट करने का अधिकार नहीं है”. दूसरे पक्ष को अपनी प्रतिक्रिया के बारे में पहले से चेतावनी देनी चाहिए. मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एग्जिट प्रॉसेस लागू किया जाना चाहिए.

हमास की सुरंगों की खोज के बीच गाजा के अल शिफा अस्पताल में इजरायल के बुलडोजर

– ऐसे अस्पतालों के स्टाफ और सभी मरीजों को वैकल्पिक रूप से अस्पताल के एक हिस्से में शिफ्ट होने को का जा सकता है. लेकिन साइट के खिलाफ किसी भी आर्मी ऑपरेशन के दौरान मरीज़ों की देखभाल के लिए डॉक्टर होने चाहिए.

क्या इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय नियम तोड़े हैं?

-जिनेवा स्थित रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने कहा है कि हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने का निर्देश देना, पूर्ण घेराबंदी के साथ उन्हें भोजन, पानी और बिजली से वंचित करना, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुकूल नहीं है.

-हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है. इसलिए सिर्फ वैध सैन्य ठिकानों पर ही हमला करती है, क्योंकि वह आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहती है.

सीरिया, यमन और यूक्रेन में भी हुए वॉर क्राइम

सीरिया और यमन से लेकर अफगानिस्तान और यूक्रेन तक हाल के संघर्षों में अस्पतालों को बार-बार निशाना बनाया गया है. मार्च 2022 में, दक्षिणी यूक्रेनी शहर मारियुपोल में एक मैटरनिटी वार्ड और पीडियाट्रिक हॉस्पिटल पर रूसी हवाई हमले में एक प्रेग्नेंट महिला समेत पांच लोग मारे गए थे. यूक्रेन ने हमले को लेकर रूस पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया, जबकि रूस ने कहा कि बिल्डिंग यूक्रेन की अज़ोव बटालियन के सदस्यों को बचा रही थी.

गाजा के अल शिफा अस्पताल से मिला हमास के हथियारों का जखीरा, IDF ने शेयर किया वीडियो

Source link

Benjamin NetanyahuGaza StripHamas groupIsrael-Palestine Conflict NewsIsraelPalestineConflictRocket attackTel Aviv airportterrorist attackThe Geneva Conventionsआतंकी हमलाइजराइल-फिलिस्तीनी संघर्षतेल अवीव एयरपोर्टबेंजामिन नेतन्याहूहमास ग्रुपहमास ग्रुप का आतंकी हमला