जेरूसलम:
इजरायल में हमास के हमले में मारे गए लोगों के शवों को तलाशने के लिए ईगलों और गिद्धों का उपयोग किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में शामिल एक वन्यजीव विशेषज्ञ ने कहा कि मांस खाने वाले पक्षियों के डेटा से इजरायली सेना को हमास के गुर्गों द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले के स्थानों के आसपास लाशों का पता लगाने में मदद मिल रही है. इजरायल के नेचर एंड पार्क्स अथॉरिटी के ओहद हत्ज़ोफ़े ने कहा, ट्रैकिंग उपकरणों से लैस ईगल, गिद्ध और अन्य शिकारी पक्षियों ने मानव अवशेषों की खोज में भूमिका निभाई है.
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ओहद हत्ज़ोफ़े ने कहा, “जब युद्ध शुरू हुआ तो उस यूनिट में सेवारत कुछ रिजर्विस्टों ने मुझसे संपर्क किया. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरे पक्षी कुछ मदद कर सकते हैं.” यह विचार EITAN से आया, जो कि सेना की मानव संसाधन शाखा की एक यूनिट है. इस यूनिट के पास लापता सैनिकों का पता लगाने का जिम्मा है.
हत्जोफे एक ऐसे कार्यक्रम के प्रमुख हैं जो लुप्तप्राय ग्रिफ़ॉन गिद्धों पर नज़र रखता हैं. इस प्रजाति के गिद्ध मुख्य रूप से मृत जानवरों को खाते हैं. साथ ही चील और अन्य शिकारी पक्षी भी मांस खाते हैं. कार्यक्रम के तहत सैकड़ों पक्षियों को उनके माइग्रेटरी पैटर्न, भोजन की आदतों और उनके सामने आने वाले पर्यावरणीय खतरों का अध्ययन करने के लिए जीपीएस ट्रैकर्स के साथ टैग किया गया है.
एक दुर्लभ समुद्री ईगल जो उत्तरी रूस में गर्मी बिताने के बाद 23 अक्टूबर को इजरायली आसमान में लौट आया था. वह गाजा पट्टी के ठीक बाहर बीरी के पास पाया गया था.
हत्जोफ़े ने कहा, “मैंने अपना डेटा सेना को भेज दिया है.” उन्होंने कहा, “वे इसकी पुष्टि करने गए और चार शव बरामद किए.” वे लाशों के स्थान या पहचान के बारे में अधिक नहीं बता सके.
बीरी में किबुत्ज़ कृषि समुदाय रहता है जिसके 85 लोगों की मौत हो गई. यह मौतें हमास के सीमा पार करके किए गए हमले में हुईं. इजरायली अधिकारियों के अनुसार हमले में 1400 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे. बीरी में हमास ने हमले के दौरान करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया जबकि 30 अन्य लापता हैं.
हत्जोफ़े ने कहा कि एक दूसरे पक्षी बोनेली ईगल के डेटा ने “इजरायल के अंदर अन्य शवों” की बरामदगी संभव बनाई. इज़रायली पुलिस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कुल 843 नागरिकों और 351 सैनिकों के शवों की पहचान की है.
हमास के हमले को एक माह बीत गया है लेकिन लापता दर्जनों इजरायली लोगों का पता नहीं चल पाया है.