नई दिल्ली:
इजरायल-हमास युद्ध को अमेरिका अपना समर्थन खुले तौर पर दे रहा है. इस युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका भी कूद गया है, बुधवार को अमेरिका ने पूर्वी सीरिया (US Attack In Syria) में हमास को समर्थन दे रहे ईरान से जुड़े हथियार भंडारण केंद्र पर हमला कर दिया. दो हफ्ते में दूसरी बार अमेरिका ने सीरिया की किसी जगह को निशाना बनाया है. इस हमले में 9 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है. ये जानकारी अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हुए हमलों के जवाब में अमेरिकी युद्धपोतों ने पूर्वी सीरिया में ईरान से जुड़े हथियार भंडारण केंद्र पर हमला कर दिया.
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ईरान से जु़ड़े हथियार भंडारण केंद्र पर US का हमला
अमेरिका का कहना है कि पूर्वी सीरिया में निशाना बनाया गया हथियार भंडारण केंद्र ईरान से जुड़ा हुआ है. यह ऐसे समूहों का समर्थन करता है, जिनको वाशिंगटन मध्य पूर्व में अपनी सेनाओं पर हमलों में बढ़ोतरी के लिए दोषी मानता है. अमेरिका ईरान और उसके प्रतिनिधियों को इज़रायल-हमास युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश कर रहा है. लेकिन प्रतिक्रिया में बार-बार होने वाले हमलों से वाशिंगटन और तेहरान के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है.
Following a series of attacks against U.S. persons in Iraq and Syria, U.S. Central Command (USCENTCOM) forces conducted an air strike against a facility in Syria used by Iran’s Islamic Revolutionary Guard Corps (IRGC) and affiliated groups. We will take all necessary measures to… pic.twitter.com/KoLGWbnaxo
— U.S. Central Command (@CENTCOM) November 8, 2023
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ” अमेरिकी सैन्य बलों ने पूर्वी सीरिया में ईरान के जिस भंडारण केंद्र को निशाना बनाया है, उसका इस्तेमाल इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और इससे संबंधित समूहों द्वारा किया जाता है. एक बयान में कहा गया है कि भंडारण केंद्र पर हमला दो अमेरिकी एफ -15 युद्धक विमानों से किया गया था.
अमेरिकी सेना पर हमले का मुंहतोड़ जवाब
ऑस्टिन ने कहा कि ईरान के भंडारण केंद्र पर हमला ईराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हमलों का जवाब है. वहीं सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर ने कहा कि बुधवार के हमले में सीरिया में ईरान समर्थित समूहों से जुड़े 9 लोग मारे गए हैं. बता दें कि अमेरिकी सेना ने 26 अक्टूबर को सीरिया में दो हथियार भंडारण सुविधा केंद्रों पर भी हमला किया था. कहा दजा रहा है कि इनका इस्तेमाल आईआरजीसी और संबद्ध समूहों द्वारा किया जाता था. हालांकि इस हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ था. वाशिंगटन की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका की तरफ से किए गए पहले के दो हमले अमेरिकी कर्मियों पर हुए हमलों के जवाब में थे, जिन्हें 17 अक्टूबर के बाद से रॉकेट और ड्रोन से 40 से ज्यादा बार निशाना बनाया गया.
एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया गया
बता दें कि जब से इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ है, अमेरिकी सैनिकों पर हमले बढ़ गए हैं. बता दें कि आतंकवादी समूह हमास ने 7 अक्टूबर को गाजा से एक साथ 5 हजार रॉकेट दागकर इजरायल में तबाही मचा दी थी. इन हमलों में 1,400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. तब से इजरायल की सेना भी गाजा पट्टी में मुंहतोड़ जवाब हमास को दे रही है. गाजा के 10,500 से अधिक लोग अब तक इन हमलों में मारे गए हैं. ये जानकारी हमास स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है. बता दें कि इस्लामिक स्टेट समूह को दोबारा बढ़ने से रोकने की कोशिशों के तहत ईराक में करीब 2,500 अमेरिकी सैनिक और सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.
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