झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर घूस लेकर संसद में सवाल करने और अपने लोकसभा अकाउंट का क्रेडेंशियल (लॉगइन आईडी और पासवर्ड) कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को शेयर करने का आरोप लगाया था. दुबे का आरोप था कि महुआ ने सवाल पूछने और लॉग इन आईडी शेयर करने के एवज में हीरानंदानी से मोटी रिश्वत और महंगे तोहफे लिए.
मोइत्रा ने मानी लॉग-इन क्रेडेंशियल शेयर करने की बात
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने माना है कि उन्होंने अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल हीरानंदानी के साथ शेयर किए थे. महुआ मोइत्रा, दर्शन हीरानंदानी का अपना पुराना दोस्त बताती हैं. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें इसके लिए पैसे मिले थे. टीएमसी सांसद ने जोर देकर कहा है कि संसद में पूछे गए सवाल हमेशा उनके खुद के ही थे.
निशिकांत दुबे मोइत्रा को लेकर किया ट्वीट
निशिकांत दुबे ने बुधवार को मीडिया में आई उन खबरों का जिक्र किया, जिनमें कहा गया था कि दुबई में हीरानंदानी के यहां से 47 बार उनका उनका लॉग-इन हुआ और संसद में इतने ही सवाल पूछे गए. बीजेपी सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- “अगर ये खबर सच है, तो देश के सभी सांसदों को महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. दर्शन हारानंदानी ने लोकसभा में हीरानंदानी ग्रुप के लिए सवाल पूछे. क्या हम पूंजीपतियों के स्वार्थी हितों को बढ़ावा देने के लिए सांसद हैं?
महुआ जी (आरोपी सांसद) की खबर जो मीडिया में चल रही है,उसके अनुसार 47 बार दुबई में हीरानंदानी के यहाँ से mail id, सांसद portal से लोकसभा में प्रश्न पूछे गए ।यदि यह खबर सही है तो देश के सभी सांसदों को महुआ जी के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए । हीरानंदानी के लिए हीरानंदानी ने…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 1, 2023
एथिक्स कमेटी ने गृह और आईटी मंत्रालय से मांगी थी रिपोर्ट
एथिक्स कमेटी ने मामले की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय से मदद ली है. दोनों मंत्रालयों ने अपनी रिपोर्ट भी कमेटी को सौंप दी है. माना जा रहा है कि कमेटी को इन रिपोर्ट से कई सवालों के जवाब मिले हैं.
हीरानंदानी के कबूलनामे से बढ़ी मोइत्रा की मुश्किलें
महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साइन किए हुए हलफनामे ने बढ़ा दी हैं. हीरानंदानी ने अपने विस्फोटक कबूलनामे में मोइत्रा के लोकसभा अकाउंट का एक्सेस पाने और उन्हें रिश्वत देने की बात स्वीकार की है. ताकि वह अदाणी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए सवाल पूछ सकें. हालांकि, महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि सरकार ने हीरानंदानी को हलफनामा दायर करने के लिए मजबूर किया था.
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