घूसकांड में महुआ मोइत्रा कल होंगी पेश, एथिक्स कमेटी को मिली गृह, IT और विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट

एथिक्स कमेटी ने 26 अक्टूबर को करीब 3 घंटे की मीटिंग की थी. कमेटी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर महुआ मोइत्रा केस से जुड़ी जानकारी मांगी थी. कमेटी ने गृह मंत्रालय से महुआ के पिछले 5 सालों के फॉरेन टूर का ब्योरा मांगा था. कमेटी ये जांच करेगी कि महुआ देश के बाहर कहां-कहां गईं और उन्होंने इसके बारे में लोकसभा में जानकारी दी या नहीं. इसके बाद इनसे उनके सांसद ID पर लॉगइन का मिलान किया जाएगा. 

मोइत्रा ने की हीरानंदानी और देहाद्राई के क्रॉस एग्जामिन की मांग

इससे पहले बुधवार को महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की है. महुआ ने इस बारे में एथिक्स कमेटी को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने कहा- “हीरानंदानी और देहाद्राई ने मेरे खिलाफ लगाए आरोपों का सबूत नहीं दिया है. इसलिए मैं दोनों को क्रॉस एग्जामिन करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं.”

2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी- मोइत्रा

कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होंगी. 31 अक्टूबर को दिल्ली रवाना होने से पहले महुआ ने कहा- ‘2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी. अगर मैंने एक भी रुपया लिया होता, तो बीजेपी तुरंत मुझे जेल में डाल देती.’ महुआ ने कहा, ‘बीजेपी मुझे संसद से सस्पेंड कराना चाहती है. सच तो यह है कि वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते. एथिक्स कमेटी के पास आपराधिक क्षेत्राधिकार नहीं है. उनके पास इस मामले की जांच का अधिकार नहीं है. ये काम जांच एजेंसियों का है.’

एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को भेजा था समन

एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी. 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को 2 दिन की मोहलत दी और उन्हें 2 नवंबर को पेश होने को कहा. कमेटी ने कहा कि पेशी की तारीख इससे आगे नहीं बढ़ाई जाएगी.  

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप

झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया था. महुआ के एक्स पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राई ने इस मामले में कमेटी को सबूत भी दिए थे. साथ ही दर्शन हीरानंदानी ने कमेटी को साइन किया हुआ हलफनामा भी सौंपा था. 

आरोप सही साबित हुए तो क्या सजा हो सकती है?

अगर महुआ मोइत्रा पर आरोप सही साबित होते हैं और कमेटी किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है, तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. वहीं, लोकसभा स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो, तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं.

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