श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर सरहद पार से गोलाबारी होने पर शुक्रवार को चिंता व्यक्त की और भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने की अपील की. जम्मू के अरनिया में पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बृहस्पतिवार की रात को सीमा पार से की गयी गोलाबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान और एक महिला घायल हो गई, जबकि कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये. वर्ष 2021 के बाद से, यह संघर्ष विराम का पहला बड़ा उल्लंघन है.
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बीएसएफ के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के गोलाबारी शुक्रवार तड़के तीन बजे तक जारी रही और इसका ‘मुंहतोड़ जवाब दिया गया’. इसने 25 फरवरी, 2021 को भारत और पाकिस्तान के बीच नये सिरे से संघर्ष विराम किये जाने से पहले, सीमा पार से निरंतर होने वाली तेज गोलाबारी की यादें ताजा कर दीं.
अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की पुनरावृत्ति ने क्षेत्र में चिंता और अस्थिरता पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि गोलाबारी से मौत और विनाश की भयानक यादें ताजा हो गई हैं. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोग सीमाओं पर बढ़ते तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं. क्षेत्र में होने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं लोगों के जीवन को खतरे में डालने के अलावा उनकी आजीविका को भी छीन रही हैं.’
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने उम्मीद जताई कि दोनों देश स्थिति को तनावरहित करने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोग न्यूनतम जोखिम के साथ जीवन जी सकें. अब्दुल्ला ने सरकार से सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया और कहा कि हिंसा बढ़ने के डर से रातों-रात सीमावर्ती गांव से पलायन किये कई परिवारों के पास भोजन और पानी तक नहीं है. उन्होंने सरकार से ऐसे सभी लोगों को भोजन, पानी और आश्रय प्रदान करने का भी आग्रह किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)