यह तीन शिखरों वाला मंदिर है. इसके गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं, जिनका पूजन एक पुजारी प्रतिदिन करता है. मध्यप्रदेश के चित्रकूट में तुलसी पीठ सेवा न्यास जानकी कुंड में स्थित एक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान है. संस्था की स्थापना गुरुजी ने 1987 में तुलसी जयंती के दिन की थी.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Kanch Mandir in Chitrakoot, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/2nfeWguoyc
— ANI (@ANI) October 27, 2023
तुलसी पीठ भारत सहित दुनिया में हिंदू धार्मिक विषयों पर साहित्य का प्रकाशन करने वाले अग्रणी प्रकाशकों में से एक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने चित्रकूट में श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट का दौरा किया और गरीबों और पीड़ितों के चिकित्सा उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट को धन्यवाद दिया.
पीएम मोदी ने रैली को किया संबोधित
पीएम मोदी ने चित्रकूट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मानवता की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मैं सभी पीड़ित, गरीब, आदिवासी लोगों की ओर से श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट को धन्यवाद देता हूं.”
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पवित्र शहर चित्रकूट में आने का अवसर मिला है. यह वह स्थान है जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण रुके थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “मुझे फिर से चित्रकूट आने का अवसर मिला है. यह वह पवित्र भूमि है जहां हमारे ऋषि-मुनि कहते थे कि भगवान राम, सीता माता और लक्ष्मण रहा करते थे. मुझे श्री रघुवीर मंदिर और श्री राम जानकी मंदिर के दर्शन करने का अवसर मिला.” उन्होंने कहा, ”मैंने हेलीकॉप्टर से कामथ गिरी पर्वत को नमन किया. मैं रणछोड़दासजी महाराज और अरविंद भाई मफतलाल को पुष्पांजलि अर्पित करने गया.”
चित्रकूट आकर अभिभूत हूं : पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मैं बता नहीं सकता कि चित्रकूट आकर कितना अभिभूत महसूस हो रहा हूं. उन्होंने कहा, “यह व्यक्त करना मुश्किल है कि भगवान राम जानकी के दर्शन के बाद, महापुरुषों की विचारधाराओं और संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों का उत्साह देखने के बाद मुझे कैसा महसूस हो रहा है.”
इससे पहले पीएम मोदी ने सतना जिले के रघुवीर मंदिर में भी पूजा की. इस मौके पर पीएम मोदी ने चित्रकूट में श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट का दौरा किया और एक प्रदर्शनी देखी.
श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना 1968 में रणछोड़दासजी महाराज ने की थी. अरविंद भाई मफतलाल रणछोड़दासजी महाराज से प्रेरित थे और उन्होंने ट्रस्ट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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