नई दिल्ली :
विधि आयोग (Law Commission) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One nation, one election) की संभावनाओं पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च-स्तरीय समिति के समक्ष आगे की रणनीति पर बुधवार को एक विस्तृत प्रस्तुति दी.
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सूत्रों ने बताया कि आयोग ने एक साथ चुनाव कराने के लिए संबंधित प्रारूपों और संविधान में आवश्यक बदलावों पर लंबी चर्चा की, लेकिन कुछ और चीजें करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विधि आयोग को देश में एक साथ चुनाव पर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपना बाकी है.
सूत्रों ने कहा कि इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि विधि आयोग को फिर से कोविंद समिति की ओर से आमंत्रित किया जाएगा. समिति ने यह जानने के लिए विधि आयोग को आमंत्रित किया था कि देश में एक साथ चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं.
उच्च-स्तरीय समिति ने हाल में अपनी पहली बैठक में राजनीतिक दलों के विचार जानने का फैसला किया था. समिति ने अब इन दलों को देश में एक साथ दीर्घकालिक चुनाव कराने पर उनके विचार जानने के लिए पत्र लिखा है.
सूत्रों ने पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि राजनीतिक दलों को प्रेषित एक संदेश में ‘‘परस्पर सहमत तिथि” पर बातचीत करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को अगले तीन महीनों में अपने विचार लिखित तौर पर भेजने का विकल्प भी दिया गया है.
विधि आयोग कार्यकाल को बढ़ाकर या घटाकर सभी विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है, ताकि ये चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जा सकें.
सू्त्रों ने बताया कि विधि आयोग लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक आम मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार कर रहा है, ताकि लागत और जन संसाधन के उपयोग को कम किया जा सके.
सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2029 से लोकसभा के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए आयोग विधानसभाओं के कायर्काल को कम करने या बढ़ाने का सुझाव दे सकता है.
यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार किया जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो सकें. ऐसी स्थिति में मतदाता दोनों चुनावों में मतदान के वास्ते केवल एक बार मतदान केंद्र पर जाएंगे.