नागपुर में संघ ने आज विजयदशमी उत्सव (Vijayadashami Utsav) का आयोजन किया. इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा पर पूछा कि क्या हिंसा में सीमा पार के उग्रवादी शामिल थे. नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, “मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं. अचानक उनके बीच हिंसा कैसे भड़क गई? संघर्ष से बाहरी ताकतों को फायदा होता है. क्या बाहरी कारक शामिल हैं?” उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर में थे. वास्तव में संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? यह (हिंसा) हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है.
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संघ के उन कार्यकर्ताओं पर गर्व-भागवत
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उन्हें संघ के उन कार्यकर्ताओं पर गर्व है, जिन्होंने मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में काम किया.भागवत ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी या जाग्रत कहते हैं, लेकिन वे मार्क्स को भूल गए हैं. उन्होंने लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों के प्रति आगाह किया.
‘इन बातों को ध्यान में रखकर करें मतदान’
आरएसएस प्रमुख ने लोगों से देश की एकता, अखंडता, पहचान और विकास को ध्यान में रखते हुए मतदान करने का आह्वान किया. उन्होंने इस दौरान जी-20 सम्मेलन का भी जिक्र किया. मोहन भागवत ने कहा कि भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों ने हमारे देश की विविधता में एकता का अनुभव किया. उन्होंने कहा कि समस्याओं को सुलझाने के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)