दिल्ली की नवश्री धार्मिक लीला कमेटी लाल किले के मैदान में कुछ ऐसा दृश्य दिखाया गया जो चर्चा का विषय बन गया. इस बार रामलीला के मंच पर रावण ने पुष्पक विमान की बजाय चंद्रयान से सीता का हरण किया. इस लीला को दिल्ली के पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर दिखाया गया. लीला में, रावण ने अपने मामा मारीच के साथ मिलकर सीता का हरण किया. इस लीला के आयोजन को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कुछ लोगों ने इसे आधुनिकता का एक अच्छा उदाहरण बताया है, जबकि कुछ लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है.
एक तरफ तो कुछ लोग इसे आधुनिकता का एक अच्छा उदाहरण बता रहे हैं, वे कहते हैं कि यह लीला लोगों को प्राचीन रामायण कथा से जोड़ने का एक नया तरीका है. वे कहते हैं कि चंद्रयान का इस्तेमाल करके सीता के हरण को दर्शाना एक रचनात्मक तरीका है. यह एक नया और दिलचस्प दृष्टिकोण है. वे कहते हैं कि यह लीला युवाओं को रामायण की कहानी को एक नए तरीके से समझने में मदद कर सकती है. दूसरी तरफ लोग इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हैं, वे कहते हैं कि यह लीला रामायण कथा के मूल तथ्यों का उल्लंघन करती है.
कई लोग कह रहे हैं कि चंद्रयान का इस्तेमाल करके सीता के हरण को दर्शाना एक अपमानजनक बात है. लोगों का तर्क है कि यह धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ है. वे कहते हैं कि रावण ने कभी भी चंद्रयान का इस्तेमाल सीता का हरण करने के लिए नहीं किया था. लीला के आयोजकों का कहना है कि उन्होंने इस लीला को एक मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की है. वे कहते हैं कि उन्होंने किसी भी धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि “उन्होंने देखा कि युवा लोग आधुनिक तकनीक से बहुत प्रभावित हैं. इसलिए, उन्होंने सोचा कि चंद्रयान का उपयोग करना लीला को उनके लिए और अधिक रुचिकर बना देगा.” लीला में चंद्रयान का उपयोग करने के कुछ कारण दिए गए हैं: यह एक अभिनव प्रयोग है जो लीला को वर्तमान समय के संदर्भ में और अधिक प्रासंगिक बनाता है. यह लीला को अधिक रोचक और आकर्षक बनाता है, विशेष रूप से युवा लोगों के लिए. यह लीला को एक नई दिशा प्रदान करेगा.
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