लखनऊ:
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा एक भी सीट नहीं दिए जाने से नाराज समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जा सकता है.
सपा अध्यक्ष ने तीखे लहजे में कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने ‘छोटे नेताओं’ को उनकी पार्टी के बारे में टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उनकी इस टिप्पणी से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में दरार दिखने लगी है.
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सपा प्रमुख ने कहा कि यदि उन्हें पता होता कि ‘इंडिया’ गठबंधन बस राष्ट्रीय स्तर के लिए है तो उनकी पार्टी के नेताओं ने मध्य प्रदेश की बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस का फोन नहीं उठाया होता. सीतापुर में उन्होंने कटाक्ष भरे स्वर में कहा, ‘‘मैं भ्रमित हो गया था.” यादव ने कहा कि यदि यह गठबंधन केवल संसदीय चुनाव के लिए है तो उनकी पार्टी इसे स्वीकार करती है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि जब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी तो कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी.
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘ यदि उत्तर प्रदेश में गठबंधन केवल केंद्र के लिए होगा तो इस पर उस वक्त चर्चा की जाएगी और जिस तरह समाजवादी पार्टी के साथ बर्ताव किया गया, यहां उन्हें भी वैसा ही बर्ताव नजर आयेगा.” आगामी मध्य प्रदेश चुनाव के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठजोड़ नहीं होगा तो हमारी पार्टी के नेता बैठकों में नहीं जाते. हमने उन्हें सूची नहीं दी होती (कि सपा मध्य प्रदेश में किन-किन और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है), और न ही हम उनका फोन उठाते.”
समाजवादी पार्टी ने बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 22 और उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए. पार्टी अब तक कुल 31 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. जब उनसे पूछा गया कि सपा ने ऐसा क्यों किया तब यादव ने कहा, ‘‘यदि प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है तो हम इसे स्वीकार करते हैं और अपनी पार्टी के उम्मीदवार घोषित करते हैं. इसमें हमने क्या गलत किया है?’
सपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ रात एक बजे तक चली बैठक के दौरान सपा नेताओं ने मध्य प्रदेश के पिछले चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन से संबंधित ब्योरा उन्हें सौंपा. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि वे उस राज्य में सीटों के बंटवारे के समझौते के तहत सपा के लिए छह सीट देने पर विचार कर रहे हैं लेकिन उन्होंने एक भी सीट नहीं दी.मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा ने एक सीट जीती थी और वह पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. उसने आदिवासी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन किया था और 1.30 प्रतिशत वोट हासिल किया था.