यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने 19 अक्टूबर को एक रैली में कहा, “अगर मुझे यह पता होता कि विधानसभा के स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो हमारी पार्टी के लोग उनसे (कांग्रेस) से कभी मिलने नहीं जाते. न ही हम कभी कांग्रेस के लोगों को कोई सूची देते. गठबंधन अगर केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा, तो उस पर विचार किया जाएगा.”
“अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा।”
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— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 19, 2023
राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश की 18 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं. इससे आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी विरोधी वोटों के विभाजित होने और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के हाथों में जाने की उम्मीद है.
कमलनाथ से हुई थी बात
अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा, “हमने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (कमलनाथ, जो अब पार्टी की स्टेट यूनिट के हेड हैं) से बात की. उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की. हमने उन्हें बताया कि हमारे विधायक पहले कहां जीते थे… उन्हें बताया कि हम पहले कहां नंबर 2 पर थे.” सीटों पर चर्चा देर रात 1 बजे तक चली.
छह सीटों के लिए दिया गया था आश्वासन
अखिलेश यादव ने कहा, “उन्होंने (कमलनाथ ने) हमें आश्वासन दिया कि वे छह सीटों के लिए हमारे बारे में सोचेंगे. लेकिन जब उन्होंने उम्मीदवारों की घोषणा की, तो सपा के लिए कुछ भी नहीं था. अगर मुझे पता होता कि राज्य में कोई गठबंधन नहीं है, तो हम मिलते ही नहीं. हमने कांग्रेस से बात नहीं की होती.” उन्होंने कहा, ”लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सोचेंगे… वे हमारे साथ जैसा बर्ताव करेंगे, हमारा व्यवहार वैसा ही होगा.”
कांग्रेस और सपा की लिस्ट में पांच सीटों पर ओवरलैप
कांग्रेस ने नवरात्रि के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. इसके 8 घंटे बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 9 उम्मीदवारों के नाम जारी किए. दोनों पार्टियों की लिस्ट में पांच सीटों पर ओवरलैप हुआ. बुधवार की शाम सपा ने अन्य 22 उम्मीदवारों की लिस्ट निकाली. इनमें 13 विभिन्न सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे गए थे.
अजय राय के बयान से बढ़ी तल्खी
कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की ओर से कुछ तल्ख टिप्पणी के बाद मामला और बिगड़ गया. अजय राय ने कहा था कि सपा का मध्य प्रदेश में कोई जमीनी समर्थन नहीं है. उसे वहां चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. राय के मुताबिक, कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
अजय राय के बयान से अखिलेश यादव हुए नाराज
अजय राय के बयान से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नाराज हो गये थे. उन्होंने कहा, ”मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि उनके नेताओं को सपा के बारे में नहीं बोलना चाहिए… ये कांग्रेस के लोग बीजेपी के साथ हैं… अगर मुझे पता होता कि राज्य स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो मैं उनसे कोई बात ही नहीं करता.”
कमलनाथ ने क्या कहा था?
दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है. उन्होंने कहा, ”व्यावहारिक गड़बड़ियां” भी थीं. कमलनाथ के मुताबिक, “हमारे उम्मीदवार सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, भले ही सपा कहती है कि वह अपने चुनाव चिन्ह पर हमारे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए तैयार है. ऐसी स्थिति में, हम क्या करेंगे? ये जमीन पर व्यावहारिक पहलू हैं.”
इससे पहले 18 अक्टूबर को अखिलेश यादव ऑल इंडिया यादव महासभा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कानपुर पहुंचे थे. जब उनसे वहां कांग्रेस से गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ये बताना होगा कि INDIA गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनावों के लिए है या विधानसभा चुनावों के लिए भी है. अखिलेश ने साफ किया था कि अगर विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन नहीं है, तो फिर भविष्य में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी नहीं होगा.
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