सुधा मूर्ति ने एनडीटीवी को एक खास इंटरव्यू में बताया, “मैं बहुत खुश और अच्छा महसूस कर रही हूं, क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि 10 हजार रुपये बाद में अरबों डॉलर बन जाएंगे.” वो कहती हैं, “शायद मैं कम से कम भारत में सबसे अच्छी निवेशक हूं. या शायद दुनिया में… मुझे नहीं पता.”
सुधा मूर्ति ने स्टार्टअप करने की सोच रहे युवाओं को सलाह भी दी है.. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस पीढ़ी को धैर्य रखना चाहिए. एक दिन में कुछ नहीं होगा. रोम एक दिन में नहीं बनाया गया था, जैसा कि वे कहते हैं. एक कंपनी बनाने के लिए आपको कड़ी मेहनत करने की जरूरत है. ये सभी चीजें जरूरी हैं. लेकिन सबसे जरूरी ये है कि आपको धैर्य रखना होगा.”
उन्होंने आगे कहा, “हमने सात-आठ साल बाद अच्छा किया. ऐसा नहीं है कि हमने एक साल में ही हिम्मत छोड़ दी. इसलिए धैर्य बनाए रखें. कड़ी मेहनत करें और सफलता आपके पीछे आएगी. अगर आप पैसे के पीछे भागते हैं, तो पैसा आपसे दूर भागता है. कड़ी मेहनत करो, सफलता पीछे आएगी.”
इसके साथ ही सुधा मूर्ति ने अपने दामाद और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “वह पीएम बन गए हैं. ठीक है, मैं खुश हूं, इससे ज्यादा नहीं.”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ब्रिटेन में अपने दामाद की तरक्की को फॉलो करना पसंद करती हैं? सुधा मूर्ति ने इसके जवाब में चुटकी लेते हुए कहा- “मैं अपने देश की चीजों की देखभाल करती हूं, वह अपनी देखभाल करते हैं.” सुनक से क्या कोई राजनीतिक बात होती है? इस सवाल के जवाब में वह कहती हैं, ‘नहीं. कभी नहीं… वह हमेशा हमारे दामाद थे और हैं. मैं उन्हें शुभकामनाएं दूंगी.”
बता दें कि 1981 में पटनी कंप्यूटर सिस्टम्स के सात इंजीनियर-एनआर नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणि, एनएस राघवन, एस. गोपालकृष्णन, एसडी शिबूलाल, के. दिनेश और अशोक अरोड़ा- एक साथ मिलकर 10,000 रुपये के मामूली निवेश के साथ इंफोसिस कंसल्टेंट्स लॉन्च किया था. इंफोसिस कंसल्टेंट्स नाम से इस आईटी कंपनी की शुरुआत पुणे से हुई और नारायण मूर्ति के घर का एक कमरा इसका पहला ऑफिस बना.
इंफोसिस आज के समय में दिग्गज आईटी कंपनियों में शुमार है. इनकम टैक्स फाइलिंग के लिए जो नया पोर्टल बना है, उसे इसी कंपनी ने तैयार किया है.
Featured Video Of The Day
5 की बात : जहरीली शराब से बिहार में 17 की मौत, विपक्ष के हंगामे पर भड़के नीतीश