शिमला/नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 68 सीटों में से 40 सीटों पर विजयी रही. कांग्रेस ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का ऐलान नहीं किया है. तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सुक्खू और मुकेश मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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हिमाचल के मुख्यमंत्री की कुर्सी की रेस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अलावा सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री हैं. हर्षवर्धन चौहान भी रेस में नजर आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल तीन गुटों की कहानी चल रही है.
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हमीरपुर जिले के नादौन से तीसरी बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास लॉ की डिग्री है. वह कांग्रेस विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से राज्य की राजनीति में उभरे हैं.
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सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 1980 के दशक के अंत में एनएसयूआई राज्य इकाई का नेतृत्व किया. 2000 के दशक में वह राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे.
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सुखविंदर सिंह सुक्खू वीरभद्र सिंह के करीबी नेताओं में शुमार थे. वह इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंपेनिंग कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने अब तक 5 चुनाव लड़ा है जिनमें से 4 सीटों पर जीत हासिल हुई है.
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मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सुखविंदर सुक्खू, प्रतिभा सिंह की तुलना में कम स्पष्टवादी रहे हैं. वह अब तक “आलाकमान तय करेगा” की लाइन पर अड़े रहे हैं.
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प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र की सिंह पत्नी हैं. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत की एक वजह उनका नेतृत्व भी माना जा रहा है. वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने मंडी लोकसभा सीट से पहली बार साल 1998 में चुनाव लड़ा था लेकिन जीत 2004 के चुनाव में मिली थी.
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साल 2013 के उपचुनाव में उन्होंने जयराम ठाकुर को हरा दिया था. साल 2014 में बीजेपी उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा से प्रतिभा सिंह हार गई थीं. बीते साल हुए उपचुनाव में उन्होंने एक बार फिर यह सीट जीत ली थी. वे इसी सीट से सांसद हैं.
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प्रतिभा सिंह के समर्थक कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री प्रतिभा सिंह को बनाया जाना चाहिए, क्योंकि जनादेश प्रतिभा सिंह को मिला है. प्रतिभा सिंह को मनाने का दौर भी चल रहा है. कहा जा रहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू राहुल गांधी की पसंद हैं, इसलिए उनके नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है.
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एक अन्य दावेदार मुकेश अग्निहोत्री हैं, जो अब वोट वाली भाजपा सरकार के दौरान विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने लगभग दो दशक पहले पत्रकारिता से राजनीति में आने के बाद अपना पांचवां विधानसभा चुनाव जीता है. उन्होंने अभी तक कुछ नहीं कहा है.
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मुकेश अग्निहोत्री अब तक नेता प्रतिपक्ष थे, अब सत्ता में वापस आ रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जनता से संबंधित मुद्दों को जमकर उठाया. उन्होंने साल 2003 में पहला चुनाव लड़ा था. 2007, 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की है. वे भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
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