नई दिल्ली:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और एकीकृत रक्षा स्टाफ ने संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन (Hypersonic Vehicle Trials) परीक्षण किया है. परीक्षणों ने सभी आवश्यक पैरामीटर हासिल कर लिए और उच्च क्षमता का प्रदर्शन किया. इस वाहन की खास बात यह है कि यह ध्वनि की गति से पांच गुना तेज रफ्तार से उड़ान भरती है. इस परीक्षण के बाद भारत के रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी, खासकर पाकिस्तान और चीन की चालबाजी को नाकाम करने के लिए एक अहम हथियार साबित होगा.
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हाइपरसोनिक वाहन अंतरिक्ष में तेजी से पहुंच, लंबी दूरी पर सैन्य प्रतिक्रिया और वाणिज्यिक हवाई यात्रा में सक्षण है. हाइपरसोनिक वाहन एक हवाई जहाज, अंतरिक्ष यान या मिसाइल हो सकता है. हाइपरसोनिक लेटेस्ट तकनीक है. अमेरिकी कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में लगा हुआ है. इस साल रूस ने कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया था.
@ISRO and JSIIC @HQ_IDS have jointly conducted Hypersonic vehicle trials.
The trials achieved all required parameters and demonstrated Hypersonic vehicle capability.@adgpi@IAF_MCC@indiannavyMedia
— ISRO (@isro) December 9, 2022
भारत अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है. यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी.
क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक मिसाइल ऐसी मिसाइल्स को कहते हैं जो मैक 5, यानी आवाज की गति (343 मीटर/सेकंड) से 5 गुना ज्यादा या उससे भी ज्यादा स्पीड से टारगेट की ओर बढ़ती हैं. ये एक घंटे में करीब 6,200 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है. न्यूक्लियर वैपन ले जाने में भी सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल बहुत कम हाइट पर भी आम बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल से ज्यादा गति से उड़ान भर सकती हैं. अपनी यात्रा के दौरान ये दिशा भी बदल सकती हैं, यानी आम मिसाइल की तरह ये तय रास्ते पर ही नहीं चलती हैं.
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