नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएमसी बैंक (PMC Bank) के जमाकर्ताओं की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा उनके बैंक खातों से पैसे निकालने पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी थी. 30 नवंबर के अपने आदेश में न्यायमूर्ति प्रतीक जालान नेकहा कि ‘याचिकाकर्ताओं से सहानुभूति के बावजूद’, वह उन्हें राहत देने में असमर्थ हैं और इसलिए याचिका बिना किसी जुर्माने के खारिज की जाती है.
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अदालत ने कहा कि पीएमसी बैंक को पहली बार 2019 में प्रत्येक बचत खाते या चालू खाते या जमा खाते में कुल शेष राशि से 1,000 रुपये से अधिक की राशि जारी करने से रोका गया था. इसके बाद में बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस राशि को बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया गया था. बैंक ने कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण इसकी स्थिति खराब हुई है. पीएमसी बैंक के मुताबिक, जिस अंतिम सर्कुलर को चुनौती दी गई है उसके तहत 50,000 रुपये की निकासी की अनुमति दी गई है.
याचिकाकर्ताओं ने सामूहिक रूप से पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (Punjab and Maharashtra Cooperative Bank) या पीएमसी बैंक (PMC Bank) में 90 लाख रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) जमा की थी.
इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि रिजर्व बैंक (RBI) की कार्रवाई मनमानी है और इसके चलते वरिष्ठ नागरिकों सहित निर्दोष जमाकर्ता को खुद का पैसा निकालने से ही वंचित हो गए हैं. हालांकि, अदालत ने उन्हें राहत देने में असमर्थता व्यक्त करते हुए याचिका खारिज कर दी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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