सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बुधवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था (Digital Economy) के तीन क्षेत्रों-इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और आईटी तथा आईटी संबद्ध सेवाओं में अगले दो साल में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य है. स्टार्टअप के लिये ईएसी-एसटीपीआई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन बड़े स्तंभ हैं. वे हैं- इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, आईटी तथा आईटी संबद्ध क्षेत्र तथा स्टार्टअप. इन क्षेत्रों ने 88-90 लाख नौकरियां पैदा की हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके तहत सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले दो साल में इन क्षेत्रों में रोजगार का आंकड़ा (Employment Data) एक करोड़ के पार पहुंच जाना चाहिए. वैष्णव ने कहा, पहले स्टार्टअप (Startup) के लिये कुछ शहरों का जिक्र होता था. अब जब मैं गांवों में स्कूल जाता हूं, वहां के बच्चे स्टार्टअप लगाना चाहते हैं. यह एक बड़ा बदलाव है. भारत अब टेक्नोलॉजी कंज्यूमर से टेक्नोलॉजी जेनरेटर बन रहा है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) स्टार्टअप को मंच प्रदान करने के लिये तमाम सुविधाओं से युक्त इंफ्रास्ट्रक्चर फेसिलिटी तैयार कर रहा है.
इस कार्यक्रम में मौजूद एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि उनका संगठन स्टार्टअप के लिए 64 मिडिल और छोटे शहरों (टियर दो और टियर तीन) में हर तरह की सुविधाओं से युक्त इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लग-एंड-प्ले) प्रदान कर रहा है.
उन्होंने कहा, हम उत्कृष्टता के जरिये स्टार्टअप को 5-10 लाख रुपये की शुरुआती फंडिंग मुहैया कराते हैं. अगली पीढ़ी के इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Center) योजना के तहत, हम मिडिल और छोटे शहरों से आने वाले स्टार्टअप को 25 लाख रुपये का फंड देते हैं. हमने योजना के तहत लगभग 65 स्टार्टअप को लाभ प्रदान किये हैं और 2025 तक 300 स्टार्टअप को फंड देने का लक्ष्य है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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