नई दिल्ली:
रेलवे ने 2019-2020 की तुलना में 2021-22 में रेलगाड़ियों से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है. अधिकारियों ने बताया कि इस गिरावट का कारण कोविड-19 की दूसरी लहर हो सकती है, जब कम संख्या में लोग रेलगाड़ियों से यात्रा कर रहे थे. यह वह समय भी था, जब रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस ले ली थीं.
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वर्ष 2018-2019 में 7.1 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने रेलगाड़ियों से यात्रा की, जबकि 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 7.2 करोड़ हो गई. महामारी से प्रभावित 2020-21 में, केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 1.9 करोड़ नागरिकों ने रेलगाड़ियों से यात्रा की. हालांकि, 2021-22 में लगभग 5.5 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने रेलगाड़ियों का इस्तेमाल किया.
रेलवे ने यात्रियों की संख्या में कमी के कारण इस श्रेणी से राजस्व में गिरावट देखी है, जिससे आय में 13 प्रतिशत की कमी आई है. आरटीआई के जवाब के अनुसार, 2018-2019 के दौरान वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से कुल राजस्व 2,920 करोड़ रुपये, 2019-2020 में 3,010 करोड़ रुपये, 2020-21 में 875 करोड़ रुपये और 2021-22 में 2,598 करोड़ रुपये था.
वरिष्ठ नागरिक महिला यात्री 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं, जबकि पुरुष और ‘ट्रांसजेंडर’ लोग सभी वर्गों में 40 प्रतिशत छूट का लाभ उठा सकते हैं. महिला यात्रियों के लिए छूट का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 है, जबकि पुरुषों के लिए यह 60 वर्ष है.
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