इंडोनेशिया के बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कनाडा के प्रधानमंत्री के बीच बेहद तल्ख बातचीत कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है. आमतौर पर कूटनीति में इस तरह की बातचीत कम देखने को मिलती है. शी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ हुई मुलाकात में इस बात पर नाराजगी जताई कि उनकी पहले की भेंट में हुई बातचीत मीडिया में लीक हो गई. यह घटना टेलीविजन के कैमरों के सामने हुई, जिसमें दिख रहा है कि जिनपिंग इस बात से नाराज हैं और ट्रूडो से आपत्ति जता रहे हैं कि उन्होंने पहले की मुलाकातों में जो भी बातचीत की थी, वे मीडिया में लीक हो गई.
बुधवार को चीनी राष्ट्रपति ने जी-20 बैठक के समापन सत्र के इतर एक अनुवादक के जरिए ट्रूडो से कहा, “हम जिस चीज पर चर्चा करते हैं, उसे अखबार को लीक कर दिया जाता है. यह उचित नहीं है.” उन्होंने कहा, “यह संवाद का तरीका नहीं है. अगर गंभीरता हो तो हमारे बीच अच्छी बातचीत हो सकती है. अन्यथा मुश्किल होगी.”जिनपिंग ने चीनी भाषा में यह बात कही, जिसका अनुवाद अंग्रेजी में करके उनके आधिकारिक दुभाषिया ने इसे ट्रूडो से कहा.
Asked about this exchange, Trudeau said “not every conversation is going to be easy but it’s extremely important we stand up for the things that are important to Canadians.” https://t.co/eYh8H1zoCg
— Annie Bergeron-Oliver (@AnnieClaireBO) November 16, 2022
ट्रूडो भी नहीं रूके और उन्होंने अनुवादक को बीच में टोकते हुए कहा, “हम स्वतंत्र, खुले और स्पष्ट संवाद में विश्वास करते हैं और यही हम करते रहेंगे. हम रचनात्मक रूप से एक साथ काम करना जारी रखेंगे, लेकिन ऐसी चीजें होंगी, जिन पर हम असहमत होंगे.”
ट्रूडो की प्रतिक्रिया के बाद, शी ने मुस्कुराते हुए लेकिन निराश प्रधानाध्यापक के अपने आचरण को बनाए रखते हुए कहा, ‘‘यह बहुत अच्छा है लेकिन पहले हम परिस्थितियां बनाएं.” इसके बाद दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और अलग-अलग दिशा में चले गए.
जिनपिंग के साथ बातचीत के बारे में पूछे जाने पर, ट्रूडो ने कहा, ‘‘हर बातचीत आसान नहीं होने वाली है, लेकिन यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम उन चीजों के लिए खड़े हों, जो कनाडाई लोगों के लिए अहम हैं.”
दरअसल, ट्रूडो ने मंगलवार को शी के साथ बात की थी और उनके कार्यालय ने कहा कि ट्रूडो ने कनाडा के चुनावों में चीनी हस्तक्षेप के बारे में चिंता जताई थी. एक सरकारी सूत्र के हवाले से रिपोर्टों के अनुसार, ट्रूडो ने अपनी दस मिनट की बातचीत में यूक्रेन, उत्तर कोरिया और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को उठाया था. यह बातचीत मीडिया में लीक हो गई थी और इसी से शी जिनपिंग नाराज थे.
शी के लिए ट्रूडो के साथ हुआ आदान-प्रदान ही जी-20 में एकमात्र अप्रत्याशित नहीं था. इससे पहले ब्रिटेन के समाचार पत्र गार्जियन के अनुसार, “समय के दबाव” के कारण शी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच एक निर्धारित बैठक को रद्द कर दिया गया था.
दुनिया के 20 (जी-20) धनी देशों के समूह के नेताओं ने बुधवार को बाली के इंडोनेशियाई द्वीप पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का समापन किया, जिसमें यूक्रेन में रूस की आक्रामकता को “सबसे मजबूत शब्दों में”, अन्य हाइलाइट्स के साथ शामिल किया गया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने चीन से “अधिक मध्यस्थता वाली भूमिका” अपनाने का आग्रह किया.
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