नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों से जेल के कैदियों के लिए जल्द एक कार्यक्रम शुरू करने को कहा है, ताकि उनमें से इग्नू के ‘बैचलर ऑफ सोशल वर्क’ पाठ्यक्रम के छात्र परिसर के भीतर फील्ड वर्क या व्यावहारिक प्रशिक्षण ले सकें. साथ ही हिरासत में रहते हुए अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकें.
यह भी पढ़ें
हाई कोर्ट ने महानिदेशक (कारागार) को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि जेल परिसर में ही फील्ड वर्क की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक उपयुक्त कार्यक्रम तैयार किया जाए. अदालत का यह आदेश हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति की याचिका पर विचार करते हुए आया. व्यक्ति ने द्वारा इस आधार पर सजा निलंबित करने की मांग की है कि उसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के ‘बैचलर्स ऑफ सोशल वर्क’ के पाठ्यक्रम के लिए एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के साथ अनिवार्य व्यावहारिक प्रशिक्षण लेना होगा.
अदालत के आदेश के अनुसार, तिहाड़ जेल के अधीक्षक ने एक रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि स्कूल ऑफ सोशल वर्क, इग्नू के निदेशक और जेल अधिकारियों के बीच एक कार्यक्रम तैयार करने के लिए पत्रों का आदान-प्रदान किया गया, ताकि बैचलर ऑफ सोशल वर्क पाठ्यक्रम के छात्र फील्ड वर्क कर सकें और जेल परिसर में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें.
हाई कोर्ट ने आगे कहा, “महानिदेशक (कारागार) से भी उक्त कार्यक्रम को जल्द से जल्द शुरू करने का अनुरोध किया जाता है, ताकि इग्नू के माध्यम से सामाजिक कार्य में स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्र हिरासत में रहते हुए अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकें.”
कोर्ट ने डीजी (कारागार) को सुनवाई की अगली तारीख 28 नवंबर से पहले इस पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
ये भी पढ़ें:-
दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेजन पर ‘रूह अफज़ा’ नाम से पाक निर्मित शरबत की बिक्री पर लगाई रोक
ट्रैफिक चालान के हज़ारों लंबित मुकदमे निपटाने के लिए दिल्ली में 12 नवंबर से लगेगी लोक अदालत
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
ग्रेटर नोएडा में पालतू कुत्ते ने बच्चे को काटा, लगे 4 इंजेक्शन