नई दिल्ली:
भारत से बाघ कम्बोडिया भेजे जाएंगे. इसके लिए शनिवार को दोनों देशों के बीच एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. जिस तरह भारत में चीते लाए गए उसी तरह कम्बोडिया में भी भारत से बाघ ले जाकर उनकी पुर्नबसाहट की जाएगी. कम्बोडिया के नोम पेन्ह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वहां के प्रधानमंत्री हुन सेन से शनिवार को मुलाकत की. आसियान-भारत सम्मेलन से इतर दोनों देशों ने संस्कृति, वन्यजीव और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसमें कम्बोडिया में फिर से बाघों को बसाने की परियोजना भी शामिल है.
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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया- ”भारत से कम्बोडिया में बाघों को ले लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान को देखकर खुशी हुई. बाघों का यह महत्वाकांक्षी ट्रांस-कंट्री रीलोकेशन हमारे खूबसूरत ग्रह पर जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.”
Happy to witness exchange of an MoU on tiger reintroduction to Cambodia from India. This ambitious trans-country relocation of tigers would prove to be a major step towards conservation of biodiversity on our beautiful planet. @PeacePalaceKH@MEAIndiapic.twitter.com/MGn9l5OvAk
— Vice President of India (@VPSecretariat) November 12, 2022
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से शनिवार को मुलाकत करके मानव संसाधन, बारूदी सुरंगों को हटाने और विकास परियोजनाओं सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की. आसियान-भारत सम्मेलन से इतर दोनों देशों ने संस्कृति, वन्यजीव और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने आसियान सम्मेलन के सफल अध्यक्षता के लिए कम्बोडिया के प्रधानमंत्री को बधाई दी.
दोनों देशों के बीच जिन चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं उनमें स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में सहयोग, जैवविविधता संरक्षण और सतत वन्यजीव प्रबंधन शामिल है. इसके तहत कम्बोडिया में फिर से बाघों को बसाने की परियोजना भी शामिल है.
आईआईटी जोधपुर और कम्बोडिया के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच अनुसंधान, विकास और सांस्कृतिक विरासत के डिजिटल दस्तावेजीकरण में तकनीक के उपयोग के क्षेत्र में समझौता हुआ.
कम्बोडिया के सिएम रीप स्थित वाट राजा बो पैगोड की पेंटिंग के संरक्षण और देखभाल (जिसमे उनकी मरम्मत भी शामिल है) के लिए वित्तपोषण संबंधी समझौता भी हुआ.
इस साल आसियान-भारत संबंधों के 30 साल पूरे हो गए हैं और 2022 को आसियान-भारत मित्रता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.
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