हिमाचल प्रदेश का हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है. हिमाचल प्रदेश में सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है जबकि इस बार तीसरा दल आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में है. भाजपा जहां हिमाचल की सत्ता बचाए रखने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है वहीं लंबे समय से सत्ता से बहार बैठी कांग्रेस राज्य का सिंहासन फिर से हासिल करने की कोशिश में है. आम आदमी पार्टी को पंजाब के बाद हिमाचल में भी जनसमर्थन मिलने की उम्मीद है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जहां विकास के अपने एजेंडे पर सवार होकर चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है, वहीं विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा का पालन करने का अनुरोध कर रही है.
पिछले दो चुनावों में लचर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए भाजपा से हिमाचल प्रदेश छीनना अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए जरूरी है. कांग्रेस के लिए मौजूदा दौर में यह और अहम है क्योंकि 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति (मल्लिकार्जुन खरगे) ने पार्टी की कमान संभाली है. इस चुनाव में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार से पूरी तरह दूर रहे हैं. ऐसे में यदि कोई नफा-नुकसान होता है तो वह सीधे तौर पर गांधी परिवार नहीं बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस संगठन के खाते में जाएगा.
कांग्रेस ने 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और इस साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर समेत नौ राज्यों में हार झेली है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश में मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और एक लाख नौकरियां देने पर फैसला होगा.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हिमाचल कांग्रेस का संकल्प. युवाओं को – 5 लाख रोज़गार, महिलाओं को – हर महीने 1500 रुपये और ओपीएस मिलेगी. कैबिनेट की पहली बैठक में एक लाख सरकारी नौकरियों और ओपीएस पर फैसला होगा. कांग्रेस का प्रण है – हिमाचल प्रदेश की प्रगति, हर घर में लक्ष्मी, हर वर्ग का सशक्तिकरण.”
भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत प्रधानमंत्री मोदी की एक और उपलब्धि होगी, जिन्होंने पार्टी के संदर्भ में ‘‘सत्ता समर्थक लहर” का नारा दिया है. पार्टी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्रिम मोर्चे पर प्रचार अभियान की कमान संभाली और कहा कि भाजपा के चिह्न ‘कमल’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाली.
हिमाचल प्रदेश में जीत अगले साल नौ राज्यों में होने वाले चुनावों तथा 2024 के आम चुनाव में भी भाजपा की संभावनाओं को बल देगी. इसमें हिंदी पट्टी के प्रमुख राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं.
राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) का चुनाव अभियान काफी शांत रहा. हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से हिमाचल की जनता से कई लोक लुभावन वादे किए गए हैं, जिनका असर दिख सकता है. राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच बनता दिख रहा है.
मतदान से पूर्व भाजपा और कांग्रेस ने दावा किया है कि वे बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं और सरकार बनाएंगे. भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए हैं. पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया. भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने और 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी में सेराज से जबकि पूर्व भाजपा प्रमुख सत्ती ऊना से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज कसुम्पटी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस के विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री हरोली से, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व प्रमुख तथा प्रचार अभियान के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से तथा कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के प्रमुख धनी राम शांडिल सोलन से चुनाव लड़ रहे हैं.
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच तक होने वाले मतदान के लिए कुल 7,884 मतदान केंद्र बनाए हैं जिसमें दूरदराज इलाकों में तीन पूरक मतदान केंद्र भी शामिल हैं. इनमें से 789 संवदेनशील तथा 397 अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं.
निर्वाचन आयोग ने राज्य के लाहौल स्पीति जिले के स्पीति इलाके में काजा के ताशीगंग में सबसे अधिक ऊंचाई पर मतदान केंद्र बनाया है. यह मतदान केंद्र 15,256 फुट की ऊंचाई पर है तथा वहां 52 मतदाता हैं.
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