शरद पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कुछ राज्यों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में खारिज कर दिया गया है. कई राज्यों में भगवा पार्टी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का “दुरुपयोग” करके सरकारें बनाई हैं.
शरद पवार ने एनसीपी कार्यकर्ताओं से प्रगतिशील विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहने और किसी भी “प्रलोभन” का शिकार नहीं होने की अपील की.
आज इससे पहले 81 वर्षीय नेता, जिनका पिछले कुछ दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा है, डॉक्टरों की एक टीम के साथ महालक्ष्मी रेस कोर्स पहुंचे. उन्होंने वहां से हेलीकॉप्टर से अहमदनगर जिले के शिरडी के लिए उड़ान भरी.
एनसीपी की बैठक में अनुभवी राजनेता पवार ने विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी कार्यकर्ता राज्य में ‘राजनीतिक परिवर्तन’ लाएंगे.
शरद पवार का संक्रमण और बुखार का इलाज चल रहा है. पार्टी के अधिवेशन में थके हुए लग रहे शरद पवार ने कुछ मिनटों तक ही संबोधित किया. उन्होंने कहा कि चूंकि उन्हें 10 से 15 दिनों तक आराम करने की सलाह दी गई है, इसलिए वह अधिक समय तक नहीं बोल पाएंगे. इसके बाद उन्होंने पार्टी नेता दिलीप वालसे पाटिल से अपना भाषण पढ़ने को कहा.
बाद में दोपहर में शरद पवार ने डॉक्टरों की टीम के साथ मुंबई के अस्पताल के लिए उड़ान भरी.
शरद पवार ने कहा कि गुजरात, असम, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों ने भारतीय जनता पार्टी को खारिज कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सरकारों को (भाजपा ने) केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके गिरा दिया.
पवार ने कहा कि, “एक प्रधानमंत्री के पास सभी के समावेशी विकास के लिए एक दृष्टिकोण होना चाहिए और उसे खुले दिमाग का होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह मौजूदा स्थिति नहीं है. पीएम को अपनी सारी ऊर्जा कमजोर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और महंगाई को कम करने पर केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने कहा, “लेकिन राज्य (महाराष्ट्र) और केंद्र सरकारों के पास महिलाओं, श्रमिकों, श्रमिक वर्ग, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए जाति, धर्म और राजनीतिक जुड़ाव से परे जाने की दृष्टि की कमी है.”
पवार ने कहा कि, वेदांत फॉक्सकॉन और टाटा एयरबस जैसी परियोजनाएं राज्य सरकार की नजरों के सामने गुजरात भेज दी गई हैं. यह शर्मनाक है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टाटा-एयरबस परियोजना को गुजरात की ओर मोड़ने के बजाय, केंद्र को रक्षा परियोजनाओं को और अधिक सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था.
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