नई दिल्ली:
गुजरात पुलिस में एक कांस्टेबल और बाद में एक क्लर्क के पद पर काम कर चुके गोपाल इटालिया (Gopal Italia) गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक हैं. 33 वर्षीय गोपाल इटालिया हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले 2015 के पाटीदार आंदोलन में भी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं. वह फिलहाल चुनावी राज्य गुजरात में अरविंद केजरीवाल के पॉइंट मैन बने हुए हैं.
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इटालिया ने साल 2020 में ही आम आदमी पार्टी के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. तब केजरीवाल ने उन्हें गुजरात आप का उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन जल्द ही प्रदेश की कमान सौंपकर इटालिया को प्रमोट कर दिया गया. पिछले महीने इटालिया तब सुर्खियों में आए थे, जब उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का अपमान करने के आरोप लगे थे. इटालिया के एक वायरल वीडियो के आधार पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने इटालिया को दिल्ली तलब किया था, जहां से दिल्ली पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया था. हालांकि, तीन घंटे बाद ही इटालिया को रिहा कर दिया गया था.
पाटीदार आरक्षण आंदोलन में निभाई भूमिका:
गोपाल इटालिया इन दिनों गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर उभरे हैं. आप में आने से पहले वह गुजरात में 2015 में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन में हार्दिक पटेल के साथ प्रमुख भूनिका निभा चुके हैं. इससे पहले इटालिया को 2014 में राज्य के राजस्व विभाग में अहमदाबाद कलेक्टेरेट में क्लर्क की नौकरी मिली थी लेकिन 2017 में उन्हें पद से हटा दिया गया.
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उप मुख्यमंत्री को फोन कर मचाई थी सनसनी:
इटालिया को 2017 में तब शोहरत मिली थी, जब उन्होंने एक सरकारी कर्मचारी (कॉन्स्टेबल) के रूप में, गुजरात के तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल को राज्य में शराबबंदी कानून के बारे में फोन कर अपनी राय दी थी. उप मुख्यमंत्री संग उस बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल हो गई थी. 2014 में पुलिस बल छोड़ने के बावजूद इटालिया ने फोनकॉल पर खुद को “एलआरडी (लोकरक्षक दल) के जवान” के रूप में पेश किया था. और तब उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
इटालिया ने बाद में गुजरात के मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा के बाहर जूते भी फेंके थे. इसके बाद इटालिया को राजस्व विभाग की नौकरी गंवानी पड़ी थी. दो-दो नौकरी गंवाने के बाद इटालिया ने समाज सेवा को पेशा बना लिया.
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जाति व्यवस्था के खिलाफ उठा चुके आवाज:
इटालिया ने 2018 में जाति व्यवस्था के खिलाफ गुजरात के गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया. इटालिया ने मंदिरों में महिलाओं के न जाने और राम कथा नहीं सुनने की मुहिम भी शुरू की थी. बीजेपी ने इसका विरोध किया था और कई वीडियो जारी किए थे. इस तरह इटालिया ने पूरे गुजरात में अपना नेटवर्क स्थापित किया. इटालिया के ही नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने पिछले साल सूरत नगर निकाय चुनावों में 27 सीटें जीती थीं.
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