चंडीगढ़:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पराली जलाने के मुद्दे पर बुधवार को पंजाब के अपने समकक्ष भगवंत मान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह किसानों को भड़काने के साथ-साथ केंद्र पर झूठे आरोप लगा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता खट्टर ने पराली जलाने के मुद्दे पर मान द्वारा दिए जा रहे बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. खट्टर ने कहा कि मान पराली जलाने का समाधान खोजने की बजाय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं. खट्टर ने यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘भगवंत मान किसानों को भड़का रहे हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के बजाय, उन्हें पराली प्रबंधन पर एक विस्तृत रणनीति तैयार करनी चाहिए.”
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मान ने खेत में पराली जलाने के लिए पंजाब के किसानों को ‘लक्षित’ करने के लिए बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब निरस्त कर दिये गए कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल के आंदोलन व उसके ‘अहंकार’ को तोड़ने का बदला राज्य के किसानों से लेना चाहती है. मान का यह बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा ने पराली जलाने के मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर एक दिन पहले निशाना साधा था और उससे अपनी ‘गहरी नींद’ से जागने के लिए कहा था.
प्रदूषण के लिए राज्य के किसानों को ‘बदनाम’ करने के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए मान ने केंद्र से सवाल किया कि वह हरियाणा जैसे आसपास के क्षेत्रों के बारे में क्यों नहीं बोलता. खट्टर ने पलटवार करते हुए कहा कि पंजाब को हरियाणा के नक्शेकदम पर चलना चाहिए और किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस साल हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 25 फीसदी की कमी आई है.
खट्टर ने कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहराते थे और अब उनका सारा दोष हरियाणा में स्थानांतरित हो गया है क्योंकि उनकी पार्टी पंजाब की सत्ता में आ गई है.” उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना का भी यही हाल है, जिसमें प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि यह नाले की तरह हो गई है.
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