“वक्त बताएगा” : गुजरात पुल हादसे से जुड़े NDTV के सवाल पर कैमरे से दूर भागे अधिकारी

मोरबी:

गुजरात के मोरबी में रविवार को एक पुल गिरने के बाद 135 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं, इससे जुड़े सवाल पर एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ‘वक्त बताएगा.’ पुल के केबल टूटने के बाद नदी में गिरे सभी लोगों को पता करने के प्लान से जुड़े सवाल पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एनके मुचर ने कहा, “हम अंतिम क्षण तक काम करेंगे.” 

यह भी पढ़ें

जब उनसे ब्रिटिश काल के पुल के मरम्मत का काम करने वाले ठेकेदार, Oreva ग्रुप द्वारा पुराने केबलों को नहीं बदले जाने से जुड़ा सवाल पूछने पर अधिकारी कैमरे के सामने से भाग गए. 

मरम्मत के लिए मार्च महीने से बंद पुल को पिछले सप्ताह फिर से जनता के लिए खोला गया था. इसके खोलने के चार दिन बाद ही पुल ढह गया. पुलिस ने प्राथमिकी में कहा कि पुल को समय से पहले खोलना “गंभीर रूप से गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही” है.

मोरबी हादसा : पुल रिपेयर करने वाली कंपनी के मालिक लापता, फार्म हाउस पर लगा है ताला; FIR पर उठ रहे सवाल

कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक, कंपनी को पुल के रखरखाव और मरम्मत के लिए 8 से 12 महीने तक बंद रखना था. सात महीने बाद ही पुल को जब दोबारा खोला गया तो इसके टिकट 12 से 17 रुपये में बेचे गए. इस पुल की क्षमता केवल 200 लोगों की है. जबकि, जिस दिन यह पुल गिरा, उस दिन इस पर करीब 500 लोग थे. 

अभियोजन पक्ष ने स्थानीय कोर्ट में बताया कि ओरेवा समूह ने सात महीने के नवीनीकरण के दौरान पुल के कुछ पुराने केबल नहीं बदले थे. अब तक, पुलिस ने ओरेवा कंपनी के कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. यह कंपनी ‘अजंता’ ब्रांड के तहत दीवार घड़ियों बनाने के लिए जानी जाती है. 

राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. लेकिन न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस पर 14 नवंबर को सुनवाई होगी.

घड़ी बनाने वाली कंपनी को कैसे मिली पुल मरम्मत की जिम्मेदारी?

Source link

Gujarat bridge collapseGujarat Bridge TragedyMorbi Bridge Collapse