अर्घ्य देते वक्त ना करें ये भूल
छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. ऐसे में सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त स्टील या शीशे के बार्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन बांस के सूप, या पीतल से बनी धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही मान्यता है कि सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना छठ पर्व पूरा नहीं होता है.
छठ पूजा में सफाई का रखा जाता है ध्यान
छठ पूजा के दौरान नहाय-खास से लेकर सुबह के अर्घ्य तक साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ पूजा के दौरान लोग साफ-सुथरे वस्त्र धारण करते हैं. इसके साथ ही व्रती महिलाएं सूती साड़ी पहनकर जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करती हैं. वहीं पुरुष व्रती साफ सूती वस्त्र पहनकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं.
शयन का रखा जाता है विशेष ख्याल
छठ व्रत के दौरान व्रती जमीन पर नहीं सोते हैं. वे व्रत की पूरी अवधि में जमीन पर आराम या विश्राम किया जाता है. खासतौर पर जो व्रती हैं, उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ पूजा नियम के मुताबिक व्रती को इस दौरान पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए.
ना करें मांसाहारी भोजन
छठ पूजा के दौरान भूलकर भी मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान मांसाहारी भोजन करने से छठी मैया नाराज हो जाती हैं.
पूजन सामग्री का रखा जाता है ध्यान
छठ पूजा के दौरान पूजन सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ पूजा में पूजन सामग्री के तौर पर सिंदूर, कुमकुम, आलता, पीतल या बांस का सूप, शकरकंदी, नारियल, ईख, शहद, पान, सुपारी, लौंग, कद्दू इत्यादि पूजन सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं.
Chhath Puja 2022: छठ पूजा करने की सही विधि क्या है, यहां जानिए जरूरी नियम
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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