वर्कफोर्स कंसल्टेंसी ईसीए इंटरनेशनल ने ये सर्वे किया है. इसके मुताबिक, सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र यूरोप रहेगा. जहां वास्तविक वेतन- मामूली वेतन वृद्धि से मुद्रास्फीति की दर में औसतन 1.5% की गिरावट देखी जा रही है. साल 2000 में सर्वे शुरू होने के बाद से ब्रिटेन के कर्मचारियों को इस साल सबसे बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. ब्रिटेन में 3.5% औसत नाममात्र वेतन वृद्धि के बावजूद 9.1% औसत मुद्रास्फीति के कारण वास्तविक रूप से वेतन का स्तर 5.6% गिर गया. साल 2023 में ब्रिटेन के नौकरीपेशा लोगों की सैलरी 4% और गिर सकती है.
सर्वे के मुताबिक, अमेरिका में इस साल गिरती मुद्रास्फीति के मुकाबले 4.5% की वास्तविक गिरावट होने की आशंका है, जो 1% वास्तविक वेतन वृद्धि का संकेत देती है.
वहीं, सैलरी बढ़ने वाले 10 शीर्ष देशों की लिस्ट में 8 एशियाई देशों ने जगह बनाई है. इसमें सबसे पहला स्थान भारत का है. 4.0% सैलरी बढ़ोतरी के साथ वियतनाम दूसरे और 3.8% वेतन वृद्धि के साथ चीन का तीसरा स्थान है. इसके बाद ब्राजील (3.4%), सऊदी अरब (2.3%) का नंबर आता है.
एशिया के लिए ईसीए इंटरनेशनल के रीजनल डायरेक्टर ली क्वान ने कहा: “हमारा सर्वे 2023 में वैश्विक स्तर पर श्रमिकों के लिए एक और कठिन वर्ष का संकेत देता है. सर्वे किए गए देशों में से केवल एक तिहाई में वास्तविक वेतन वृद्धि देखने का अनुमान है. हालांकि यह साल 2022 से बेहतर है.”
बता दें कि ईसीए का वेतन रुझान सर्वेक्षण 68 देशों और शहरों में 360 से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों से एकत्रित जानकारी पर आधारित है.
2023 में अनुमानित वास्तविक वेतन वृद्धि वाले 10 देश:
1. भारत (4.6%)
2. वियतनाम (4.0%)
3. चीन (3.8%)
4. ब्राजील (3.4%)
5. सऊदी अरब (2.3%)
6. मलेशिया (2.2%)
7. कंबोडिया (2.2%)
8. थाईलैंड (2.2%)
9. ओमान (2.0%)
10. रूस (1.9%)
इन देशों में घटेगा वेतन
1. पाकिस्तान (-9.9%)
2. घाना (-11.9%)
3. तुर्की (-14.4%)
4. श्रीलंका (-20.5%
5.अर्जेंटीना (-26.1%)
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