“माकपा नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज हो”, स्वप्ना सुरेश के आरोप पर कांग्रेस-भाजपा का बयान

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तीन प्रमुख नेताओं के खिलाफ सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद शनिवार को राज्य में राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया. विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने पुलिस से तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया और वाम सरकार से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा.

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सुरेश ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया था कि नेताओं – दो पूर्व मंत्रियों और एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष – ने उससे यौन संबंध बनाने के लिए कहा था. हालांकि, अभी तक न तो नेताओं ने और न ही मार्क्सवादी पार्टी ने चौंकाने वाले आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख के. सुधाकरन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि केरल के इतिहास में यह देखा गया है कि जब इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो प्राथमिकी दर्ज की जाती है और जांच की जाती है.

कांग्रेस नेताओं ने अपनी पार्टी के विधायक ई. कुन्नापिल्ली के खिलाफ हाल ही में दर्ज किए गए बलात्कार और हमले के मामलों की ओर इशारा करते हुए, यह भी कहा कि अगर उनके खिलाफ एक महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, तो सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह से मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने भी कहा कि मीडिया के सामने उसके (स्वप्ना सुरेश के) खुलासे को कानूनी सबूत माना जाना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि माकपा और मुख्यमंत्री स्वप्ना सुरेश द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं. वह सबूतों के साथ बात कर रही हैं। मामला दर्ज किया जाना चाहिए और आरोपों की जांच होनी चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं है.

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