लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार(yogi adityanath government) शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद अब योगी सरकार का फोकस नए निजी विश्वविद्यालय (Private university) खोलने पर है. इसी दिशा में अपने प्रयासों में तेजी लाते हुए प्रदेश में 2 नए निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने मुहर लगा दी है. पहला विश्वविद्यालय गौतमबुद्धनगर में जेबीएम ग्लोबल विश्वविद्यालय और दूसरा लखनऊ में सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के नाम से खुलेगा. इन दोनों विश्वविद्यालयों की मान्यता के प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में पास किए जाने की संभावना है.
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दरअसल अभी हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई थी. उस बैठक में समिति के समक्ष निजी क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में तीन प्रस्ताव रखे गए थे. इसके बाद समिति ने 2 नए निजी विश्वविद्यालय जगदीश बाल मंदिर (जेबीएम) ग्लोबल विश्वविद्यालय गौतमबुद्धनगर और सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय लखनऊ को आशय पत्र जारी करने की सिफारिश कर दी है. बैठक में मुख्य सचिव ने साफ कहा कि विश्वविद्यालय स्थापना के संबंध में प्राप्त सभी प्रस्तावों को पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ जांचने के बाद समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. जिन संस्थाओं की औपचारिकताएं पूरी नहीं हैं, उनके साथ बैठक कर उन्हें शीघ्र पूरा कराने की कोशिश की जाए. निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में औपचारिकतायें पूर्ण करने हेतु जो समय दिया गया है उसे तय समय में पूरा किया जाए.
दोनों विश्विद्यालयों के लिए जमीन तय की
जेबीएम ग्लोबल विश्वविद्यालय, गौतमबुद्धधनगर की स्थापना के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 25 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. वहीं, सरोज इंटरनेशन ͪविश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए लखनऊ विकास क्षेत्र के अंतर्गत चॉदसराय तहसील मोहनलालगंज, जनपद लखनऊ में 25.02 एकड़ भूमि आवंटित की गई है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 4 में किसी नये विश्वविद्यालय के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने तथा धारा 5 में किसी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर मूल्यांकन समिति द्वारा प्रस्ताव का मूल्यांकन किये जाने एवं धारा 6 धारा 5 के अधीन गठित समिति की आख्या मिलने के बाद यदि राज्य सरकार को लगता है कि विश्वविद्यालय की स्थापना किया जाना सही है तो उसे मंजूरी देने का प्राविधान है.
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