भीमराव अंबेडकर भी राजनीति में पारिवारिक विरासत को स्वीकार नहीं करते : शशि थरूर

शशि थरूर ने अपनी नई पुस्तक “अंबेडकर : ए लाइफ” के विमोचन के दौरान यह बात कही.

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह धारणा काफी सही लगती है कि संविधान निर्माता बी.आर. अंबेडकर इस विचार को कभी “स्वीकार” नहीं करते और इसकी “काफी आलोचना” करते कि राजनीतिक नेतृत्व को चुनाव या योग्यता के अन्य रूपों के बजाय विरासत के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे थरूर ने यहां नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय में अपनी नयी पुस्तक “अंबेडकर : ए लाइफ” के विमोचन के दौरान यह बात कही.

तिरुवनंतपुरम के लोकसभा सदस्य थरूर ने अंबेडकर के बारे में कहा, “एक ऐसा व्यक्ति जिसने कभी भी जाति व्यवस्था के तर्क को नहीं माना, वह राजनीति में या कहीं और पारिवारिक विरासत के सिद्धांत को स्वीकार नहीं करता.”

शशि थरूर ने अपने और खड़गे के प्रति पार्टी नेताओं के “व्यवहार में अंतर” की ओर किया इशारा

थरूर ने कहा, “…हालांकि उन्होंने (अंबेडकर ने) इसके बारे में नहीं लिखा है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि यह धारणा काफी सही लगती है कि वह इस विचार को अस्वीकार कर देते और इसकी काफी आलोचना करते कि राजनीतिक नेतृत्व को चुनाव या अन्य रूपों के बजाय विरासत के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए.”

गांधी परिवार हमारी पार्टी के लिए बड़ी पूंजी, कोई अध्यक्ष उनसे दूरी नहीं बना सकता : शशि थरूर

थरूर से पूछा गया था कि राज्यों में सत्ता परिवारों के हाथों में केंद्रित होने पर अंबेडकर के क्या विचार होते. इस सवाल का जवाब देते हुए थरूर ने यह बात कही.

पुस्तक विमोचन के मौके पर लेखक के अलावा सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर, पूर्व राज्यसभा सांसद भालचंद्र मुंगेकर और वकील करुणा नंदी भी पैनलिस्ट के रूप में मौजूद थे और इन लोगों ने भी अम्बेडकर के जीवन और समय के बारे में अपने विचार प्रकट किए.

वीडियो: शशि थरूर NDTV से बोले – “अंबानी और अडानी से मुझे नहीं है एलर्जी”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Source link

Ambedkar: A lifeBR AmbedkarShashi TharoorShashi Tharoor new Book Ambedkar: A life