‘प्रदूषण बनाम आजीविका’: तमिलनाडु ने दिल्ली से पटाखा से प्रतिबंध हटाने का किया अनुरोध

स्टालिन ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध से पूरा उद्योग बंद हो सकता है.

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पटाखों की बिक्री की अनुमति देने का आग्रह किया है. क्योंकि राज्य में पटाखा निर्माण उद्योग में लाखों श्रमिकों की आजीविका दांव पर लगी है. पिछले महीने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.

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स्टालिन ने कहा कि वायु प्रदूषण में कई कारक योगदान करते हैं और इस मुद्दे पर एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है. केजरीवाल से पटाखों की बिक्री अनुमति की सीमा के भीतर करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यह बढ़ते प्रदूषण और आजीविका के बीच एक टॉस-अप है.

स्टालिन ने कहा, “शहरों में वायु प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें वाहन और कारखानों का धुंआ भी शामिल हैं. इसलिए, कुछ दिनों के लिए कम मात्रा में बढ़ने वाले प्रदूषण और इसमें शामिल आजीविका को ध्यान में रखते हुए, यह एक संतुलित दृष्टिकोण की मांग करते हैं. लाखों श्रमिक अपनी आजीविका के लिए तमिलनाडु के पटाखा उद्योग पर निर्भर हैं, जो हमारे देश में सबसे बड़ा है. यदि अन्य राज्य भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो इससे पूरा उद्योग बंद हो सकता है.”

दिल्ली में आप सरकार पिछले दो साल से सर्दियों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की प्रथा का पालन कर रही है. इस साल प्रतिबंध की जल्द घोषणा से शहर प्रशासन और पुलिस को पटाखों के अवैध निर्माण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने के लिए पर्याप्त समय मिलने की संभावना है.

पाबंदियों के बावजूद दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में देर रात तक लोग पटाखे फोड़ते हैं. दिल्ली के प्रदूषण निकाय के अनुसार, दिवाली की रात (4 नवंबर, 2021) को दिल्ली में आतिशबाजी के कारण PM10 और PM2.5 सांद्रता में बड़े बदलाव हुए.

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